Tuesday 13 February 2024

भारत की शानदार कूटनीतिक सफलता


कतर में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार 8 पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को अगस्त 2022 में  गिरफ्तार करने के बाद गत वर्ष अक्टूबर में मृत्युदंड दिए जाने की जानकारी आई तो परिवारजनों के अलावा पूरा देश चिंता में पड़ गया। केंद्र सरकार पर जनता और विपक्ष का दबाव भी आने लगा। इसके बाद बिना शोर मचाए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयास शुरू किए। पहली सफलता मृत्यदंड को आजीवन कारावास में बदले जाने के तौर पर मिली। उसके बाद  विदेश मंत्री एस.जयशंकर , राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और कतर में रह चुके प्रधानमंत्री कार्यालय में पदस्थ विदेश सेवा के एक पूर्व अधिकारी द्वारा बनाई कार्ययोजना के कारण कतर के अमीर द्वारा उक्त सभी को माफी दे दी गई और कल वे भारत लौट भी आए। समूचे अभियान को जिस कुशलता से संचालित किया गया वह परिपक्व कूटनीति का शानदार उदाहरण है। 135 करोड़ की आबादी वाले देश के कुछ नागरिकों की जान किसी अन्य देश में संकट में पड़ने पर सामान्य दृष्टि से सरकार उसे प्रतिष्ठा का विषय बनाए ये जरूरी नहीं लगता । लेकिन सही सोच ये है कि देश के बाहर रह रहे हर भारतीय  की चिंता करना सरकार का कर्तव्य है। जो पूर्व नौसेना अधिकारी कतर में गिरफ्तार हुए वे पेशेवर अपराधी नहीं थे। एक निजी कम्पनी के लिए वहां काम करने के दौरान वे किसी गलतफहमी वश ही गिरफ्तार हुए होंगे। कतर में इस्लामिक कानून लागू होने से बेहद सख्ती है। लेकिन भारत सरकार की प्रशंसा करनी होगी जिसके प्रयासों से उनको फांसी के तख्ते से सुरक्षित वापस लाया जा  सका । देखने में भले ये छोटी सी बात लगे किंतु इससे भारत की प्रतिष्ठा के साथ ही कूटनीतिक वजनदारी भी प्रमाणित हुई और आम भारतीय का आत्मविश्वास भी बढ़ा है। प्रधानमंत्री और उनके नेतृत्व में कार्यरत सभी लोग इस कामयाबी के लिए अभिनंदन के पात्र हैं।


- रवीन्द्र वाजपेयी

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