Sunday 29 October 2023

राज्य वन अनुसंधान संस्थान का तुगलकी फैसला:सुबह - शाम टहलने वालों पर भी लगा दिया टोल टैक्स

 पोलीपाथर स्थित राज्य वन अनुसंधान संस्थान के स्थानीय अधिकारी एक बार फिर जनविरोधी रवैए पर उतर आए हैं। इस संस्थान में प्रातः एवं सायंकाल सैकड़ों लोग भ्रमण हेतु आते हैं। अतीत में भी अनेक मर्तबा संस्थान के अधिकारियों द्वारा इस मार्ग पर प्रवेश हेतु प्रतिबंध एवं शुल्क का प्रावधान किया था जिसे जनविरोधी मानकर रद्द किए जाता रहा। अचानक वह जिन्न फिर बोतल से निकल आया है। संस्थान के संचालक के हस्ताक्षर से जारी निर्देश के अनुसार 1 नवंबर से नियमित प्रवेश करने वाले व्यक्तियों और वाहनों को 50 रु. प्रति माह अर्थात 600 रु. प्रतिवर्ष देना होगा। इसके पहले जब भी इस तरह का निर्णय हुआ जनता के विरोध के बाद विभाग को उसे वापिस लेना पड़ा। ऐसे में सवाल उठता है कि इस संस्थान के कर्ताधर्ता नौकरशाह बार - बार वही हेकड़ी क्यों दोहराते हैं ? जो लोग या वाहन इस परिसर में आते हैं उनका उद्देश्य गैर व्यवसायिक है। इस मार्ग के उपयोग को लेकर यहां से भोपाल तक अनेक मर्तबा कागज दौड़े और हर बार यही फैसला हुआ कि संस्थान में आने - जाने वालों पर कोई पाबंदी या शुल्क नहीं लगाया जाए। ताजा फैसला संभवतः चुनाव आचार संहिता का लाभ लेते हुए संस्थान के हुक्मरानों ने किया है। उनको लगता है इस समय नेता और जनप्रतिनिधि व्यस्त हैं , इसलिए वे अपनी मर्जी जनता पर थोप सकते है। वहां सैर करने आने वाले कुछ बुजुर्ग नागरिकों ने इस बात की आशंका भी जताई कि संस्थान के भीतर आने वालों पर शुल्क लादकर अधिकारीगण चुनाव में जनप्रतिनिधियों विशेष रूप से भाजपा के विरुद्ध जनता की नाराजगी बढ़ाना चाहते हैं।

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