म.प्र में आज प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण के अंतर्गत निर्मित 5 लाख 21 हजार घरों में गृह प्रवेश होगा | राज्य सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अब तक स्वीकृत 30 लाख से ज्यादा आवास में से 24 लाख का निर्माण हो चुका है | म.प्र उन सौभाग्यशाली राज्यों में से है जिनको इस योजना का बड़ा हिस्सा नसीब हुआ | सबसे अधिक संख्या उ.प्र के खाते में गई जो उसकी बड़ी आबादी को देखते हुए उचित भी है | म.प्र में इस योजना की जरूरत इसलिए भी ज्यादा थी क्योंकि यहाँ आदिवासी जनसँख्या काफी अधिक है जो आज भी जीवनस्तर के मापदंडों पर काफी पीछे हैं | यद्यपि सड़क और बिजली पहुँचने से आदिवासी इलाकों में भी विकास की रोशनी आने लगी है लेकिन अभी भी बहुत बड़ी संख्या झोपड़ियों में बसर करने मजबूर हैं | आर्थिक दृष्टि से कमजोर अन्य वर्गों के पास भी सिर छिपाने के लिए छत नहीं है | शहरों में भी झुग्गियों का जाल बिछा हुआ है | इस समस्या को हल करने के लिए वैसे तो स्व. राजीव गांधी ने 1985 में इंदिरा आवास योजना शुरू की थी किन्तु ये कहना पूरी तरह सही होगा कि नरेंद्र मोदी ने इस योजना को जिस तरह गतिशील और प्रभावशाली बनाया वह किसी सामाजिक क्रांति से कम नहीं है | उ.प्र में हुए विधानसभा चुनाव में सर्वेक्षण करने निकले पेशेवर लोगों को मतदाताओं से ये सुनने मिला कि उन्हें मोदी ने रहने को घर दिया है इसलिए वे भाजपा का ही समर्थन करेंगे | जिन्हें मकान नहीं मिला वे भी इस बात के प्रति आशान्वित दिखे कि देर – सवेर उनको भी आवास मिल ही जावेगा | इस योजना ने प्रधानमंत्री की लोकप्रियता में अकल्पनीय वृद्धि तो की ही लेकिन उससे भी बड़ी बात ये हुई कि जनता के मन में व्यवस्था के प्रति विश्वास उत्पन्न हुआ | वरना जनहित में बनाई गयी अनेक अच्छी सरकारी योजनाएं जमीन पर आते – आते तक दम तोड़ देती हैं | उस दृष्टि से श्री मोदी की प्रशंसा करनी होगी कि उन्होंने सत्ता सँभालते ही इस तरह की जितनी भी योजनाएं शुरु कीं उनमें से अधिकतर पर प्रभावशाली तरीके से अमल हुआ | बताया जाता है प्रधानमंत्री कार्यालय इनके क्रियान्वयन पर पैनी निगाह रखता है जिससे उनको समय पर लागू किया जाना संभव हो सका | म.प्र में चूंकि भाजपा का राज है इसलिए ऐसी योजनाएं यहाँ समय पर सफलता के साथ लागू हो रही हैं | मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तो वैसे भी जनता को लुभाने वाली योजनाओं के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध हैं | उनसे सीख लेकर अन्य राज्यों ने भी उन योजनाओं को लागू किया जिनमें कुछ गैर भाजपा शासित भी हैं | आज जो कार्यक्रम आयोजित है वह निश्चित रूप से काफी बड़ा है | गर्मियों की शुरुवात में ही 5 लाख से ज्यादा बेघरबार लोगों को छत की छांव मिलना किसी सपने के साकार होने जैसा ही है | भारत में आज भी करोड़ों लोगों के पास पक्का तो क्या कच्चा मकान तक नहीं है | इसी तरह शौचालय जैसी मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति के प्रति श्री मोदी ने जो संकल्पित भाव दिखाया उसका परिणाम शहरी बस्तियों के साथ ग्रामीण इलाकों में देखा जा सकता है | हालाँकि स्वच्छता अभियान की तरह से ही शौचालय की समस्या पूरी तरह हल नहीं हुई है लेकिन इन दोनों के प्रति जन साधारण के मन में रूचि तो जागी ही जो बहुत बड़े सामाजिक परिवर्तन का संकेत है | अटल जल योजना श्री मोदी का अगला कदम है जिसके अंतर्गत हर घर में नल के द्वारा पानी पहुँचाने का भगीरथी प्रयास किया जा रहा है | इस योजना के पूरी तरह अमल में आने के बाद बिजली , पानी और सड़क जैसी समस्याएं दूर हो जायेगीं | लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना सबसे क्रांतिकारी साबित हुई है | म.प्र सरकार इस बात के लिए प्रशंसा की हकदार है जो उसने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवंटित राशि को समय पर खर्च कर लक्ष्य पूरा करने में तत्परता दिखाई | वैसे भी सत्ता में बैठे राजनीतिक नेताओं की नजर सदैव आगामी चुनाव पर रहती है | और शिवराज सिंह तो इस मामले में बहुत ही आगे हैं | एक साथ 5 लाख 21 हजार घरों का लोकार्पण निश्चित रूप से बड़ी उपलब्धि है जिसके लिए श्री मोदी और श्री चौहान दोनों बधाई के पात्र हैं | हालाँकि कुछ राज्य ऐसे भी हैं जो राजनीतिक विद्वेष के कारण मोदी सरकार की जन कल्याणकारी नीतियों को लागू करने से परहेज करते हैं | इनमें प. बंगाल प्रमुख है किन्तु श्री चौहान इस मामले में बहुत ही व्यवहारिक हैं | इसीलिये केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार रहने के दौरान भी उन्होंने केंद्र से आई योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करते हुए अपना जनाधार सुदृढ़ किया | प्रधानमंत्री आवास योजना देश के आम लोगों को सुविधा और स्वाभिमान के साथ जीने का अवसर प्रदान करती है | उससे उनके जीवन में आने वाले स्थायित्व और निश्चिंतता की वजह से उनकी उद्यमशीलता बढ़ती है जिसका असर देश के विकास पर पड़ता है | ग्रामीण क्षेत्रों में आवास समस्या हल करना और भी जरूरी है ताकि वहां रह रहे मानव संसाधन का पूरा उपयोग किया जा सके | जनता की तकलीफों को दूर करने के मामले में यदि सत्ता में बैठे लोग ईमानदार और समर्पित रहें तो राजनेताओं के प्रति आम जनता के मन में जो वितृष्णा व्याप्त है वह लुप्त हो सकती है | दिल्ली में आम आदमी पार्टी और उ.प्र में भाजपा को लगातार दोबारा सत्ता मिलना ये साबित करने के लिए पर्याप्त है कि जनता काम करने वाले को पुरस्कृत करने में न कंजूसी करती है और न भेदभाव |
- रवीन्द्र वाजपेयी
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