Sunday 6 August 2023

बागेश्वर महाराज की आरती उतारकर कमलनाथ ने कांग्रेसियों को असमंजस में डाल दियापार्टी के अनेक नेता बाबा के विरोधी हैं


 प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने गत दिवस यहां बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की जिस तरह अगवानी करते हुए आरती उतारी उसकी राजनीतिक जगत में काफी चर्चा है। वैसे भी  श्री नाथ काफी समय समय से अपने को भाजपा से भी बड़ा हिंदुत्ववादी साबित करने में जुटे हुए हैं। इसी सिलसिले में वे बागेश्वर धाम की यात्रा भी कर आए थे। भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हनुमान जी का कट आउट लगाने के साथ ही पंडितों और पुजारियों को बुलाकर उनका सम्मान करने जैसे कदमों के अलावा इन दिनों वे साधु - संतों के बारे में बोलने में सावधानी बरत रहे हैं। ये बात सर्वविदित है  कि कमलनाथ आगामी विधानसभा चुनाव किसी भी कीमत पर जीतना चाहते हैं । इसके लिए वे हिन्दू मतदाताओं को रिझाने के लिए भी हर कोशिश करने  तैयार हैं। ये जानते हुए भी कि बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण हिन्दू राष्ट्र की खुलेआम वकालत करते हैं , उनकी आरती उतारकर कमलनाथ ने  कांग्रेस के उन नेताओं के सामने असमंजस की स्थिति उत्पन्न कर दी जो बागेश्वर महाराज के नाम से  प्रसिद्ध श्री शास्त्री द्वारा हिन्दू राष्ट्र का मुद्दा उठाए जाने पर उनकी आलोचना करते आए हैं। वैसे भी ज्यादातर साधु - सन्यासी अयोध्या आंदोलन के बाद से भाजपा के करीबी माने जाते हैं। इसीलिए   छत्तीसगढ़  की कांग्रेस सरकार के एक मंत्री ने बागेश्वर महाराज  को ललकारते हुए हुए कहा कि  बस्तर में हुए धर्मांतरण के अपने  आरोप को साबित कर दें तो वे राजनीति छोड़ देंगे अन्यथा महाराज पंडिताई छोड़ें । ऐसी ही टकराहट श्री शास्त्री की अन्य राज्यों में भी कांग्रेस नेताओं से होती आई है। हाल ही में विवाहित हिन्दू महिला के मांग भरने संबंधी उनके बयान पर भी कांग्रेस की अनेक महिला नेत्रियों ने उनका जमकर।विरोध किया था। लेकिन श्री नाथ ने गत दिवस बागेश्वर महाराज की जिस तरह मिजाजपुर्सी की उसकी वजह से श्री शास्त्री के आलोचक रहे कांग्रेस आश्चर्यचकित हैं । दरअसल अब तक वे भाजपा पर तो राजनीति में धर्म को घसीटने  का आरोप लगाते रहे किंतु अब कमलनाथ भी उसी के नक्शे कदम पर चल रहे हैं तब उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि वे आगे से श्री शास्त्री के बारे में आलोचनात्मक बातें कैसे बोलेंगे ? स्मरणीय है कुछ माह पूर्व जब उत्तराखंड के जोशीमठ में धरती में दरारें आईं तब छत्तीसगढ़ के  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्री शास्त्री पर कटाक्ष किया था कि वे उसे भरने का चमत्कार दिखाएं। ये भी गौर गलब है कि बागेश्वर महाराज जहां भी जाते हैं , हिन्दू राष्ट्र का का संकल्प दोहराते हुए उपस्थित लोगों से उसके समर्थन के अपील करते हैं। जाहिर है छिंदवाड़ा में भी वे ऐसा ही करेंगे और तब श्री नाथ उस पर क्या कहेंगे ये सवाल उठने लगा है। एक बात और जो इस बारे में चर्चित है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के जरूरत से ज्यादा हिन्दू प्रेम ने पार्टी के परंपरागत मुस्लिम मतदाताओं को चौकन्ना कर दिया है। हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी तो पहले से ही मुस्लिम समुदाय कोअपने साथ लाने प्रयासरत हैं। दरअसल छिंदवाड़ा में बागेश्वर महाराज की आरती उतारना कमलनाथ की  मजबूरी थी क्योंकि 2019 की मोदी लहर में वे  विधानसभा और उनके बेटे नकुल नाथ लोकसभा का चुनाव बहुत कम अंतर से जीते थे। लोगों का मानना है कि नरेंद्र मोदी की सभा यदि छिंदवाड़ा में हो जाती तब बाप - बेटा दोनों  हार जाते। शायद उसी भय से श्री नाथ ने बागेश्वर महाराज की आरती उतारने का फैसला लिया। 

- रवीन्द्र वाजपेयी 


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