Friday 12 March 2021

प्रधानमन्त्री के सन्देश की प्रतीक्षा में न बैठे रहें



महाशिवरात्रि पर गत दिवस  हरिद्वार में कुम्भ का शुभारम्भ हुआ | एक माह तक चलने वाले इस आयोजन में करोड़ों लोगों की आवक होगी | शाही स्नान और विभिन्न पर्वों के दिन श्रद्धालुओं की भीड़ हरिद्वार में उमड़ेगी | कुम्भ मेला भारत के सबसे बड़े आयोजनों में से है | लेकिन ये आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब देश में कोरोना की दूसरी लहर ने जोरदार दस्तक दे दी है | गत दिवस 22 हजार से ज्यादा नए मामले आये जबकि स्वस्थ होकर अस्पतालों से लौटने वालों की संख्या काफ़ी कम रही | महाराष्ट्र , केरल और गुजरात से आ रही खबरें  भी चिंता में डालने वाली हैं | पूरे देश से लोग कुम्भ में आयेंगे । वहीं असम , प.बंगाल , तमिलनाडु , पुडुचेरी और केरल में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के कारण कोरोना से बचाव के प्रति वैसे भी लापरवाही देखी जा रही है | मास्क और शारीरिक दूरी की सलाह पूरी तरह उपेक्षित कर दी गई है  | द्देश के बाकी हिस्सों में भी कोरोना को लेकर पैदा हुआ खौफ पूरी तरह खत्म सा लगने लगा है | सरकार द्वारा लगाई गयी बंदिशें लगातार शिथिल किये जाने से भी संक्रमण के लौटने की स्थितियां बनने लगी हैं | रेलगाड़ियों का परिचालन बढ़ने से आवागमन बढ़ने लगा है | घरेलू उड़ानों को भी भरपूर यात्री मिल रहे हैं | सिनेमा घर खुल गए हैं और होटल रेस्टारेंट भी गुलजार नजर आ रहे हैं | इस महीने के अंत में होली का उत्सव होगा और फिर आ जाएगा शादियों का मौसम | कहने का आशय ये है कि लॉक डाउन हटने के बाद कोरोना में क्रमशः आई गिरावट ने जो उम्मीदें जगाई थीं वे उसका टीकाकरण शुरू होने से और बलवती होने लगीं | इसका असर ये हुआ कि लोगो में बेफिक्री आने लगी जो लापरवाही की हद तक जा पहुँची | उसी का परिणाम ये हुआ कि जिस कोरोना की विदाई मानकर राहत की सांस की जा रही थी वह लौट आया है | एक तरफ तो देश भर में चल  रहे  टीकाकारण के आंकड़े प्रसारित हो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कोरोना के नये मामलों में वृद्धि की खबरें भी बराबरी से सुनाई दे रही हैं | गत दिवस नए संक्रमितों की संख्या न केवल चौंकाने बल्कि उससे ज्यादा डराने वाली है | यदि इस पर नियन्त्रण नहीं हुआ तब टीकाकरण आगे पाट पीछे सपाट की कहावत चरितार्थ करने वाला होगा | सरकार का पूरा ध्यान मौजूदा समय में टीकाकरण पर है | ऐसे में यदि कोरोना पहले की तरह फैला तब हालात बेकाबू हो जायेंगे | कहा जा रहा है कि मुम्बई में लोकल ट्रेन शुरू होते ही कोरोना के नए मामले बढ़ने लगे | पुणे , नासिक , नागपुर से आ रही खबरें भयभीत कर रही हैं | जहां रात्रिकालीन कर्फ्यू के बाद अब लॉक डाउन की नौबत आ गई है | ऐसी सूरत में अब जनता विशेष रूप से पढ़े - लिखे लोगों की जिम्मेदारी है कि वे खुद तो कोरोना से बचाव के तौर - तरीकों का पालन करें ही , साथ में अपने सम्पर्क में आने वाले हर व्यक्ति को उसके लिए प्रेरित करें | कोरोना को लेकर जिस तरह की लापरवाही देखी जा रही है  वह गंभीर संकट को आमंत्रित करने वाली है | बीते एक साल में देश का हर व्यक्ति इस बीमारी और उससे बचने के तरीकों से दीक्षित हो चुका है | हमारे इर्द - गिर्द हुईं  मौतों से हमें जो सबक मिला उसे इतनी जल्दी भुला देना मूर्खता होगी | इसलिए व्यर्थ की बहादुरी दिखाने  की बजाय बुद्धिमत्ता का प्रदर्शन करना समयोचित होगा | कोरोना को आपकी सामाजिक या आर्थिक हैसियत से कुछ लेना - देना नहीं है | वह सावधानी हटी - दुर्घटना घटी वाली उक्ति को सही साबित करने वाला है | ऐसे में जरूरी है कि देश के प्रत्येक नागरिक को कोरोना के प्रति पहले जैसी सतर्कता रखनी होगी | हर बात के लिए प्रधानमन्त्री के सन्देश की प्रतीक्षा करने के बजाय एक जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय देना हमारा दायित्व है जिससे मुंह मोड़ना जानलेवा हो सकता है | भारत ने इस बीमारी पर विजय पाने के लिए जो कुछ किया उसकी पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है | हमारे यहाँ  तैयार हुए टीके भी विदेशों में जा रहे हैं | ऐसी स्थिति में कोरोना का पुनरागमन हमारी जगहंसाई करवा देगा | बेहतर हो कोरोना के प्रति पूर्ववत सावधानी  की प्रतिबध्दता का पालन किया जाए | दुनिया को ये संदेश देने की जरूरत है कि भारत अब एक  जिम्मेदार देश बन चुका  है | 

- रवीन्द्र वाजपेयी


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