Friday 19 March 2021

टोल नाकों का खात्मा एक क्रांतिकारी कदम होगा



परिवहन मंत्री नितिन गडकरी उन मंत्रियों में से हैं जो सदैव अपने काम में तल्लीन रहते हुए भविष्य के मद्देनजर योजनाएं बनाते ही नहीं अपितु उनको क्रियान्वित करने के लिए भी ईमानदारी से प्रयास करते हैं | राजमार्गों सहित अधो संरचना के अनेक प्रकल्पों पर चल रहे कार्य उनकी प्रशासनिक क्षमता का जीवंत  उदहारण हैं | देश में सड़क परिवहन के साथ ही जलमार्गों के विकास में भी उनकी रूचि उल्लेखनीय है | पिछले कुछ समय  से वे पुराने वाहनों के पंजीयन का नवीनीकरण कराये जाने संबंधी  बयान दे रहे हैं | तत्संबंधी कानून भी बन गया है | इसके अनुसार निजी और व्यवसायिक वाहनों को  निर्धारित कालावधि के उपरान्त फिटनेस परीक्षण करवाना  होगा जिसमें सफल होने के बाद ही उनका नए सिरे से पंजीयन हो सकेगा  | अन्यथा पुराने वाहन को स्क्रैप ( कबाड़ ) में  बेचने के बाद  नया वाहन  खरीदने वालों को  कीमत के साथ ही करों में छूट दी जावेगी | श्री गडकरी का मानना है कि पुराने वाहन को स्क्रैप किये जाने से ऑटोमोबाइल उद्योग द्वारा किये जाने वाले आयात में कमी आयेगी जिससे भारत में उत्पादित वाहन सस्ते होने  से वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिक सकेंगे | पुराने वाहनों के सड़कों से बाहर होने पर वायु प्रदूषण में भी कमी आयेगी | उनकी ताजा घोषणा और भी महत्वपूर्ण है जिसके अनुसार एक साल के भीतर देश भर में टोल नाके खत्म कर  दिये  जायेंगे तथा टोल टैक्स की वसूली वाहनों  में लगी  जीपीएस प्रणाली के जरिये वाहन  स्वामी के बैंक खाते से अपने आप होती रहेगी | यही नहीं तो वह राजमार्ग का उपयोग  जितनी दूरी के लिए करेगा उसे उतने के लिए ही टोल टैक्स देना पड़ेगा | ये बात किसी से छिपी नहीं है कि हमारे देश में टोल नाके भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी के जीते - जागते अड्डे हैं | व्यवसायिक वाहनों के लिए  तो ये किसी मुसीबत से कम नहीं हैं | इनके ठेके अधिकतर नेताओं और नौकरशाहों के नजदीकी लोगों के पास होने से इनकी ज्यादतियों को सरकारी संरक्षण भी मिलता है | इसके अलावा उन पर समय भी बहुत नष्ट होता था | इसको हल करने के लिए शुरू की गई फ़ास्ट टैग प्रणाली बीती 15 फरवरी से लागू हो गई जिसके कारण टोल नाकों पर होने वाली दादागिरी और समय की बर्बादी तो रुकी ही सरकार को मिलने वाले राजस्व में भी अच्छी - खासी वृद्धि हुई |  फ़ास्ट टैग एक पूर्व भुगतान प्रणाली है जिसमें टोल टैक्स का अग्रिम भुगतान सरकार के ख़जाने में आ जाता है | मात्र एक महीने के भीतर ये साबित हो गया कि यह बहुत ही प्रगतिशील और पारदर्शी व्यवस्था है | लेकिन इसके कारण उन लोगों को परेशानी होने लगी जिनका निवास राजमार्ग के करीब है | ऐसे लोगों को रोजमर्रे के काम से अपने आसपास के क्षेत्र तक आने - जाने के लिए भी लम्बी दूरी के लिए निर्धारित टोल टैक्स चुकाना पड़ रहा है जिसकी वजह से जन असंतोष बढ़ा है | इस समस्या का हल टोल टैक्स की वसूली जीपीएस प्रणाली से किये जाने से हो जायेगी क्योंकि तब वाहन चालक को उतनी ही दूरी का टैक्स देना पड़ेगा जितनी की उसने यात्रा की | स्मरणीय है कि देश के ट्रक चालकों के संगठन लम्बे अरसे से मांग करते आ रहे थे कि टोल नाके खत्म कर दिए जाएँ तो वे टोल टैक्स से होने वाली आय के बराबर राशि सरकार को एकमुश्त देने को राजी हैं | नाकों पर होने वाली जबरिया वसूली और समय की बर्बादी को देखते हुए उनकी वह मांग सरकार को जमी किन्तु अब जाकर उसे अमल में लाये जाने की शुरुवात हुई है | इसमें दो राय नहीं है कि राजमार्गों के उन्नयन और विकास ने भारत में परिवहन क्रांति का सूत्रपात किया | स्व. अटलबिहारी वाजपेयी की दूरदर्शिता और श्री गडकरी की अद्भुत कार्यशैली ने जो चमत्कार किया उसकी वजह से देश में सडक परिवहन में तेजी से वृद्धि हुई है | कोरोना काल में लगे लॉक डाउन के दौरान लाखों लोग निजी वाहनों से अपने गंतव्य तक पहुँच सके | विश्वस्तरीय राजमार्ग पर चलते हुए टोल टैक्स देना वाहन स्वामी को अखरता नहीं  है  क्योंकि  समय बचने के साथ ही वाहन के रखरखाव पर होने वाला खर्च भी बचता है | अमेरिका में ये उक्ति बड़ी प्रचलित है कि आर्थिक विकास राजमार्गों से होकर ही  आता है | आजाद भारत में इसे समझने में आधी सदी खर्च कर दी गई | अटल जी ने जब स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना प्रारम्भ की तब मुलायम सिंह यादव ने तंज कसा था कि राजमार्गों का विकास भारत में  विदेशी कार निर्माताओं के  पैर ज़माने के लिए किया जा रहा है | श्री गडकरी पुराने वाहनों को स्क्रैप करने पर जिस तरह जोर दे रहे हैं  उसे लेकर भी ये आरोप लग रहे हैं कि भारत में बैटरी चलित वाहनों का बाजार विकसित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है | टोल नाकों को खत्म किये जाने से भी राजनेताओं और उनके चहेते नौकरशाहों को भारी तकलीफ होगी | लेकिन देश को आगे बढ़ाना है तो क्षणिक राजनीतिक लाभ से ऊपर उठकर सोचने की प्रवृत्ति विकसित करनी होगी | सौभाग्य से श्री गडकरी उन नेताओं में से हैं जो अगले चुनाव की नहीं अपितु अगली पीढ़ी की चिंता कर रहे हैं | टोल नाकों पर पहले फास्ट टैग और एक साल के भीतर उनको पूरी तरह खत्म करते हुए जीपीएस प्रणाली से टोल टैक्स की वसूली एक बड़ा सुधार होगा जिससे देश में सड़क परिवहन और सुविधाजनक बनेगा | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घरेलू पर्यटन  को विकसित करने पर लगातार जोर देते हैं | कोरोना के कारण बीते एक वर्ष में पर्यटन उद्योग को भारी  क्षति हुई है | लेकिन राजमार्गों पर  यात्रा जितनी आसान होती जायेगी , घरेलू पर्यटन का विकास उतनी ही तेजी से होगा क्योंकि भारत का विशाल मध्यम वर्ग भी अब चौपहिया वाहन पर चलने को लेकर बहुत ही उत्साहित   है | 

-रवीन्द्र वाजपेयी

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