Monday 14 June 2021

डूबती नाव में छेद करने का दिग्विजयी प्रयास



मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह राजनीति के  बेहद चालाक खिलाड़ी हैं | गत वर्ष कमलनाथ की सरकार गिरने की सबसे बड़ी वजह भी उनको ही माना जाता है  क्योंकि पहले तो उन्होंने मुख्यमंत्री पद की दौड़ में ज्योतिरादित्य सिंधिया की राह में रोड़ा अटकाया और जब इससे भी जी नहीं भरा तब गुना लोकसभा सीट से हार के बाद  उनको राज्यसभा में जाने से रोकने के लिए जाल बिछाया | उनकी इन्हीं  चालों ने बड़ी  मुश्किल से बनी कांग्रेस  सरकार की बलि चढ़वा दी | वे  खुद तो राज्यसभा में जा पहुंचे लेकिन कमलनाथ के हाथ से सत्ता खिसक गई | ज्योतिरादित्य ने तो भाजपा का दामन थामकर राज्यसभा  सदस्यता हासिल करने के साथ ही मप्र सरकार में अपने ढेर समर्थकों को मंत्री बनवा दिया और  खुद भी केन्द्रीय मंत्री बनने जा रहे हैं | अब खबर  है दिग्विजय  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद कमलनाथ से छीनकर अपने बेटे  जयवर्धन सिंह को दिलवाने की बिसात बिछा रहे हैं और इसके लिए  पार्टी के सर्वेसर्वा गांधी परिवार को प्रसन्न करने के लिए ऐसा बयान दे डाला जिसने पूरी कांग्रेस पार्टी को पशोपेश में डाल दिया है | एक पाकिस्तानी  पत्रकार से बतियाते हुए श्री  सिंह ने जम्मू काश्मीर में  लोकतंत्र न होने की बात कहते हुए ये कहा कि केंन्द्र में कांग्रेस की सत्ता आने पर जम्मू -  कश्मीर में धारा 370 दोबारा लागू किये जाने पर विचार किया जाएगा | उनके इस बयान को पहले तो भाजपा आईटी सेल की शरारत माना गया लेकिन बाद में इस बात की पुष्टि हो गई कि उन्होंने  उक्त बातें की थीं | चौतरफा फजीहत होने पर बजाय खेद व्यक्त करने के दिग्विजय ने रास्वसंघ प्रमुख डा . मोहन भागवत के किसी पुराने बयान का उल्लेख करते हुए अपना बचाव किया किन्तु उन्हें अपनी पार्टी के भीतर से भी समर्थन नहीं मिला | जम्मू - कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला के अलावा एक भी प्रमुख हस्ती ने उनकी बात का समर्थन नहीं किया | यहाँ तक भी ठीक था किन्तु गत दिवस पहले उनके अनुज मप्र विधानसभा के सदस्य लक्ष्मण सिंह ने साफ़ कहा कि धारा 370 की वापिसी असम्भव है | लेकिन दिग्विजय के लिए सबसे ज्यादा शर्मनाक स्थिति पैदा कर दी लक्ष्मण सिंह की पत्नी रुबीना सिंह ने जिन्होंने अपने जेठ के संदर्भित बयान को गैर जरूरी बताते हुए कश्मीरी पंडितों की बदहाली का मामला उठाकर कांग्रेस पार्टी पर भी अनेक सवाल दागे | उल्लेखनीय है रुबीना कश्मीरी ब्राहमण हैं| कश्मीर घाटी से पंडितों  के पलायन का जिक्र करते हुए उन्होंने 370 हटाये जाने को कश्मीर के हित में बताया | हालाँकि लक्ष्मण पहले भी दिग्विजय और कांग्रेस से अपनी असहमति अनेक मुद्दों पर व्यक्त्त कर चुके हैं , लेकिन उनकी पत्नी ने जिस दबंगी से जेठ साहब के विरोध में मोर्चा खोला उससे  दिग्विजय  सिंह की जमकर भद्द पिट रही है | कांग्रेस ने अभी तक उनके बयान पर अधिकृत तौर पर चुप्पी साध रखी है | हालांकि कुछ नेताओं ने उसे निजी राय बताकर पार्टी को बचाने का प्रयास किया है , लेकिन ज्यादा होशियारी दिखाने के फेर में दिग्विजय सिंह ने एक बार  फिर कांग्रेस का बड़ा नुकसान कर दिया | पता नहीं  गांधी परिवार को वे कितना खुश कर पाएंगे लेकिन उप्र , उत्तराखंड और पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव में इस  बयान पर  कांग्रेस को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा | सवाल ये है कि गांधी परिवार अपने इस प्रबल समर्थक को इस तरह के ज़हरीले बयान देने से  रोकने की कोशिश  क्यों नहीं करता ? अतीत में दिग्विजय के अलावा मणिशंकर अय्यर और शशि थरूर  भी इसी तरह की ऊलजलूल बातों  के  जरिये कांग्रेस के लिए मुसीबतें पैदा कर चुके हैं | ऐसे में दिग्विजय सिंह द्वारा एक पाकिस्तानी पत्रकार से कश्मीर घाटी में लोकतंत्र के काल कोठरी में बंद होने और धारा 370 की वापिसी जैसी बातें करना पाकिस्तान के भारत विरोधी दुष्प्रचार का समर्थन करने जैसा ही है | कांग्रेस पार्टी यदि अपनी दुरावस्था से उबरना चाहती है तो उसे न सिर्फ दिग्विजय अपितु उन जैसे बाकी  नेताओं की बदजुबानी रोकनी चाहिए जो पार्टी की डूबती नाव में और छेद करने की मूर्खता दोहराने से बाज नहीं आते | 

-रवीन्द्र वाजपेयी

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