Wednesday 28 June 2023

समान नागरिक संहिता : कांग्रेस सहित विपक्ष के सामने नया धर्मसंकट



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत दिवस भोपाल में  समान नागरिक संहिता पर जो कुछ कहा उसे भाजपा के भावी चुनावी हथियार के  तौर पर देखा जा सकता है।  साथ ही तीन तलाक को इस्लाम का हिस्सा मानने की अवधारणा को गलत बताते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत के दो पड़ोसी इस्लामिक देशों पाकिस्तान और बांग्ला देश के अलावा भी अनेक मुस्लिम राष्ट्र महिला विरोधी इस प्रथा को खत्म कर चुके हैं। लेकिन श्री मोदी ने  समान नागरिक संहिता पर अधिक जोर देते हुए कहा कि एक घर ( देश ) में  दो व्यक्तियों के लिए अलग कानून नहीं हो सकते और सर्वोच्च न्यायालय भी इस बारे में सरकार से कदम उठाने कह चुका है जिसके कहने  के बाद ही विधि आयोग ने समान नागरिकता कानून बनाए जाने पर विभिन्न वर्गों से राय मांगने संबंधी परिपत्र जारी किया । उच्च सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार संसद के मानसून सत्र में ही उक्त कानून को पारित करवाने की तैयारी में है। प्रधानमंत्री ने भोपाल में जो कुछ कहा उस पर एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्हें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों के लिए खतरा बताए जाने संबंधी बयान पर ध्यान देने की नसीहत दे डाली । साथ ही कहा कि  ओबामा के बयान पर भाजपा वाले ये ढोल पीट रहे हैं कि श्री मोदी को सऊदी अरब सहित अनेक मुस्लिम देश अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से विभूषित कर चुके हैं। मिस्र ने तो कुछ दिन पहले ही उन्हें अलंकृत किया । लेकिन भारत के मुसलमानों को उन देशों से कुछ लेना - देना नहीं है। बकौल ओवैसी , मोदी सरकार के तमाम काम मुस्लिम विरोधी हैं । गौरतलब है समान नागरिक संहिता के अंतर्गत मुस्लिम समाज में एक से अधिक विवाह तथा पैतृक संपत्ति में महिलाओं को उत्तराधिकार जैसे अनेक ऐसे विषय शामिल होंगे जो अन्य धर्मों से अलग हैं । वैसे भी भाजपा के तीन प्रमुख नीतिगत मुद्दों में समान नागरिक संहिता ही बच रहती है क्योंकि राम मंदिर का निर्माण पूर्णता की ओर है तथा जम्मू काश्मीर से धारा 370  भी  हटाई जा चुकी है। जहां तक समान नागरिक कानून की बात है तो विधि आयोग द्वारा सुझाव आमंत्रित किए जाने  से साफ संकेत है कि भाजपा इसको आने वाले समय में मुख्य चुनावी मुद्दा बनाने  जा रही है। कर्नाटक में  पराजय के बाद जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज रही  है उनमें मिजोरम को छोड़ बाकी में वह इस मुद्दे पर कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों को पिछले पांव पर खड़ा होने मजबूर कर सकती है।  राहुल गांधी ने नर्म हिंदुत्व का जो प्रयोग बीते कुछ समय से करना शुरू किया उसे कांग्रेस के अन्य नेता भी चाहे - अनचाहे आजमा रहे हैं। लेकिन समान नागरिक कानून का समर्थन करने पर भाजपा विरोधी दलों को मुस्लिम मतों से हाथ धोना पड़ेगा । वहीं विरोध करने पर वे हिंदुओं के निशाने पर आए बिना नहीं रहेंगे । गौरतलब है कर्नाटक में हिजाब  और बजरंग दल जैसे मुद्दों पर मुसलमान मतदाता जिस तरह  योजनाबद्ध तरीके से भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए जनता दल (सेकुलर) को ठेंगा दिखाते हुए कांग्रेस के पक्ष में  गोलबंद हुए ,  उसकी उत्तर भारत के हिंदुओं में जबर्दस्त प्रतिक्रिया है। इसलिए भाजपा अब समान नागरिक संहिता रूपी नया दांव चलने जा रही है , जिसका स्पष्ट संकेत प्रधानमंत्री द्वारा  भोपाल में दिए गए भाषण से मिल गया। ओवैसी ने जिस तत्परता से उसके विरोध में बयान दिया वह भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस समय वे पूरे देश में मुसलमानों के मन में ये बात बिठाने में जुटे हैं कि यदि  वे अपना नेतृत्व विकसित करने के बजाय दूसरे दलों के पिछलग्गू बने रहे तो सियासी तौर पर पूरी तरह हाशिए पर धकेल दिए जायेंगे । हालांकि ओवैसी बिहार के पिछले विधानसभा चुनाव के अलावा कहीं और कुछ ज्यादा नहीं कर सके और बिहार के उनके विधायक भी टूट गए किंतु मुस्लिम युवाओं में उनका आकर्षण बढ़ रहा है। इसलिए  भाजपा समान नागरिक संहिता के जरिए विपक्षी दलों को धर्म संकट में  डालने जा रही है। विधि आयोग द्वारा इस पर सुझाव मांगे जाने के बाद  म.प्र में चुनाव अभियान की विधिवत शुरुआत करते हुए श्री मोदी ने जो बातें कहीं वे आने वाले चुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकती हैं। देखने वाली बात ये होगी कि हिंदुत्व की चादर ओढ़ने की कोशिश कर रही कांग्रेस सभी धर्मों के लिए एक सा नागरिक कानून बनाए जाने पर क्या रुख अपनाती है ? उसकी दुविधा ये है कि इसका समर्थन करने पर लालू , नीतीश , ममता और अखिलेश जैसे मुस्लिम परस्त नेता उसके साथ गठबंधन करने से पीछे हट सकते हैं। प्रधानमंत्री ने तुष्टीकरण की बजाय संतुष्टीकरण करने की बात कहकर राजनीतिक जमात को बहस के लिए नया शब्द दे दिया है। विपक्ष का गठबंधन बनाने शिमला में होने वाली दूसरी बैठक में समान नागरिकता कानून पर क्या राय बनती है इस पर सबकी निगाहें लगी रहेंगी क्योंकि हिंदुत्व के पैरोकार उद्धव ठाकरे भी इस बैठक में होंगे।

- रवीन्द्र वाजपेयी 


No comments:

Post a Comment