Friday 28 August 2020

असली पिक्चर अभी बाकी है : नशे के खुलासे से मामला उलझा



गत दिवस एक टीवी समाचार चैनल के वरिष्ठ संपादक द्वारा अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर संदेह के घेरे में बताई जा रहीं उनकी महिला मित्र और अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती का जो साक्षात्कार लिया गया उसके प्रसारण के बाद सोशल मीडिया पर उक्त संपादक के साथ चैनल की भी जमकर आलोचना हुई। रिया का सुशांत की मौत में हाथ है या नहीं ये तो जाँच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा लेकिन जिन रहस्यमय परिस्थितियों में वह सुशांत को छोडकर गई और उससे जुड़ी बाकी जानकारी सामने आ रही है उससे लगता है कि भले ही वह उसकी मृत्यु के समय उसके घर में नहीं रही लेकिन उसके पहले और बाद के घटनाक्रम से मिल रहे संकेतों के मुताबिक इस कांड के बारे में उससे काफी कुछ पता चल सकता है। सबसे बड़ी बात जो उक्त साक्षात्कार में उसने बताई वह ये कि सुशांत नशीली दवाएं ( ड्रग्स ) लेता था। हालाँकि उसने इस बात से साफ़  इंकार किया कि उसने सुशांत को इसकी लत डाली। बकौल रिया उसे विमान में बैठने से डर लगता था और किसी चिकित्सक के कहने पर उसने उड़ान से पहले नशीली दवाई लेना शुरू किया, जो लत बन गई। रिया ने ये भी कहा कि उसने सुशांत को रोकने की काफी कोशिश की लेकिन वह अपने फैसलों को लेकर बहुत ही दृढ़ था। नशीली दवाओं के नाम भी उसने साक्षात्कार के दौरान खुलकर बताये। लेकिन उसके जो व्हाट्स एप सन्देश जाँच एजेंसियों ने ढूढ़ निकाले उनसे स्पष्ट होता है कि वह नशीली दवाइयां मंगवाने में शामिल थी और उसकी आपूर्ति करने वालों को प्रत्यक्ष न सही लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से जानती थी। हो सकता है वह सुशांत की मांग पूरी करने के लिए ऐसा करती रही लेकिन जब उसने ये माना कि वे दोनों दंपत्ति की तरह रहते थे और सुशांत को नशीली दवाएं देने में उसकी कोई भूमिका नहीं थी तब जिस इन्सान से वह विवाह रचाने जा रही थी क्या उसकी नशे की लत छुड़वाने के लिए उसे ज़रूरी कदम नहीं उठाना चाहिये थे ? जिस आत्मविश्वास के साथ उसने साक्षात्कार दिया उससे एक बात तो साफ़ हो गई कि रिया बहुत ही दबंग महिला है। लेकिन अपने होने वाले पति को नशीली दवाईयों से मुक्त करने के लिए उसका कुछ न किया जाना ये साबित करता है कि सुशांत की जिस मानसिक बीमारी (अवसाद) का ढिंढोरा पीटा जा रहा था वह जैसा रिया ने बताया नशीली दवाइयों की लत थी। उसने ये भी बताया कि सुशांत के साथ उसके जुड़ने के पहले से ही वह नशे की गिरफ्त में आ चुका था। रिया चूंकि उसके साथ लिव इन में रह रही थी और जैसा उसी ने बताया उसके भाई के सुशांत के साथ बहुत ही आत्मीय सम्बन्ध थे। यहाँ तक कि जब वे दोनों  छुट्टियाँ मनाने यूरोप गए तब भी सुशांत , रिया के भाई को साथ ले गया। सवाल ये है कि एक युवती ये जानते हुए भी कि वह जिस शख्स के साथ बिना शादी किये पत्नी की तरह रह रही हो और जल्द उसके साथ विवाह करने वाली हो , वह उसके नशे में डूबे होने की बात को किस कारण छुपाती रही , और उसने इस बारे में नशा मुक्ति केंद्र या प्रशासन को क्यों नहीं बताया ? उसके फोन से मिली जानकारी के अनुसार वह खुद नशीली दावा के आपूर्तिकर्ता से संपर्क किया करती थी। इस बारे में नारकोटिक्स विभाग भी सक्रिय हो गया है जिससे कि सुशांत के नशैलची होने वाली कहानी का सच सामने आने की उम्मीद बढ़ चली है। इस जानकारी के बाद फिल्मी दुनिया में नशे के चलन की तह में जाना जरूरी है। कुछ समय पहले एक युवा फिल्म निर्माता जो इन दिनों भतीजावाद के कारण काफी विवादित हो चले हैं , के घर हुई सितारों की अन्तरंग पार्टी का जो वीडियो प्रसारित हुआ था उसमें अनेक अभिनेता और अभिनेत्रियाँ नशा ( ड्रग्स ) करते दिखाई दिए थे। शराब तो खैर फिल्मी पार्टियों में पानी की तरह बहती है । लेकिन नशीली दवाओं का चलन भी तेजी से फैलने की बात अब खुलकर सामने आने लगी है। काफी पहले संजय दत्त इसके शिकार हुए थे जिनका इलाज उनके पिता स्व. सुनील दत्त ने अमेरिका ले जाकर करवाया। लेकिन सुशांत के मामले में जैसा रिया ने बताया और उसके फोन से पता चला कि नशीली दवाइयां फिल्मी कलाकारों को आसानी से उपलब्ध होती हैं। हालाँकि जाँच शुरू तो इस बात के लिए हुई थी कि सुशांत ने आत्महत्या की या उसकी हत्या हुई लेकिन नशे के कारोबार के सामने आने के बाद अब उसका दायरा काफी विस्तृत हो गया है। जाँच एजेंसियों को चमक-दमक भरी फिल्मी दुनिया की गन्दगी को सबके सामने लाने का इससे बेहतर अवसर नहीं मिलेगा क्योंकि परिवारवाद से पीड़ित अनेक छोटे बड़े कलाकार अपनी बिरादरी की पोल खोलने के लिए तैयार बैठे हैं। कंगना रनौत नामक अभिनेत्री तो नशे के कारोबार का पर्दाफाश करने के लिए सरकार से सुरक्षा मांग रही है। सीबीआई और नारकोटिक्स विभाग मिलकर सुशांत की मौत के साथ ही नशीली दवाइयों की आपूर्ति के स्रोतों का पता लगाकर उसके संचालकों की गर्दन में फंदा डाल सकें तो अनेक ऐसे राज खुल जायेंगे जिन पर अभी तक पर्दा पड़ा हुआ है। ये बात भी जगजाहिर है कि फिल्मी दुनिया में पैसे का जो अनवरत प्रवाह है, उसका एक स्रोत माफिया भी है। और जहां माफिया होता है वहां नशा (ड्रग्स), व्यभिचार और अन्य अपराध स्वाभाविक तौर पर अपनी जगह बना लेते हैं। ये देखते हुए लगता है कि सुशांत की मौत का असली सच जो अब तक बताया जा रहा है, उससे अलग हटकर भी हो सकता है। फिल्मी अंदाज में कहें तो पिक्चर अभी बाकी है ...।

-रवीन्द्र वाजपेयी

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