Friday 20 January 2023

इन हालातों में तो लड़कियां खिलाड़ी बनने से हिचकेंगी



 
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के  यौन शोषण का आरोप गंभीर मसला है | दिल्ली के जंतर मंतर पर ओलम्पिक में देश को पदक दिलवाने  वाले अनेक पहलवानों का इस मामले में धरने पर बैठना निश्चित रूप से शर्मनाक है | खिलाड़ी देश का गौरव होते हैं और आजकल लड़कियाँ भी बड़ी संख्या में खेलों की तरफ आकृष्ट हो रही हैं | ज़ाहिर है प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं में भाग लेते समय परिवारजन हमेशा उनके साथ नहीं हो सकते | इस सिलसिले में उन्हें विदेश तक जाना पड़ता है | यौन  शोषण का आरोप लगाने वाली महिला पहलवानों की संख्या बढ़ती जा रही है | पहले तो खेल मंत्रालय के अधिकारी ही इस विवाद को सुलझा रहे थे लेकिन जब बात नहीं बनी तब खेल  मंत्री अनुराग ठाकुर ने मोर्चा संभाला और आन्दोलन कर रहे पहलवानों से बातचीत की | हालाँकि धरने पर बैठे पहलवानों की जिद है कि कुश्ती संघ के अध्यक्ष श्री सिंह तत्काल पद छोड़ें और उनको गिरफ्तार भी किया जावे | यद्यपि उन्होंने आरोपों को निराधार बताया है किन्तु जैसे संकेत मिले हैं उनके अनुसार भाजपा अपनी छवि खराब होने से बचाने के लिए ब्रजभूषण शरण को अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए निर्देशित करेगी | लेकिन  पहलवानों का कहना है वे महज इस्तीफे से संतुष्ट नहीं  होंगे और श्री सिंह को जेल भिजवाकर ही दम लेंगे | ऐसे मामलों में राजनीति की घुसपैठ भी होती है जिसका प्रमाण गत दिवस सीपीएम नेत्री वृंदा कारत के धरनास्थल पर बने मंच पर आने से हुई किन्तु आन्दोलनकारियों ने ये कहते हुए उन्हें लौटा दिया कि ये राजनीतिक मंच नहीं है | उधर हरियाणा में जाट समुदाय इस मसले पर खाप पंचायत करने की घोषणा कर रहा है क्योंकि आन्दोलन से जुड़े अधिकतर पहलवान उसी राज्य के हैं और उसी समुदाय से आते हैं | आन्दोलन के नेता के तौर पर सामने आईं विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने जानकारी दी कि अन्य राज्यों से भी महिला पहलवानों द्वारा यौन शोषण की शिकायतें मिल रही हैं | उनकी मांग ये है कि कुश्ती संघ भी  भंग किया जावे क्योंकि अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद उनके समर्थक ही गद्दीनशीन हो जायेंगे | हरियाणा राज्य कुश्ती संघ में भी ब्रजभूषण शरण के लोग बैठे होने का आरोप लगाया गया है | हमारे देश में सामान्य तौर पर लड़कियां यौन शोषण जैसे मामलों में मुखर नहीं होतीं | खेल संघों के पदाधिकारी और प्रशिक्षकों पर भ्रष्टाचार और  पक्षपात के आरोप तो पहले भी लगते रहे हैं | यौन  शोषण की चर्चा  भी सुनाई दीं किन्तु बात आई गई होती रही  क्योंकि लड़कियां  अपनी बदनामी के डर से चुप रहना पसंद करती थीं | दूसरे तरीकों से परेशान पुरुष खिलाड़ी भी किये जाते हैं लेकिन वे अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए विरोध की बजाय समझौते का विकल्प चुनते हैं | सही बात ये है कि भारत में खेल संघों में राजनीतिक नेताओं की दखलंदाजी की वजह से खेल और खिलाड़ी दोनों का नुकसान होता है | जो नेता पूर्व में खिलाड़ी रहे हों उनका खेल प्रशासक बनना तो समझ में आता है लेकिन जिन्हें उसका क, ख , ग भी नहीं आता जब वे खेल संघों में बैठकर चौधराहट करते हैं तब समस्याएँ पैदा होती हैं | ओलम्पिक संघ के भ्रष्टाचार में तो सुरेश कलमाड़ी जेल तक जा  चुके हैं | वहीं आईपीएल घोटाले के आरोपी ललित मोदी देश छोड़कर ब्रिटेन जाकर बैठ गए | और भी उदाहरण हैं जहां खेल संघों में कुण्डली मारकर बैठे नेता गण घपले – घोटालों  के साथ ही भाई - भतीजावाद के आरोपों से घिरते रहे हैं | लेकिन कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर महिला पहलवानों ने जो आरोप लगाया है वह काफी गंभीर है | हालाँकि जाँच के पूर्व किसी निष्कर्ष पर पहुंचना उचित नहीं होगा लेकिन देश की राजधानी में आन्दोलन कर रहे पहलवानों के रुख से लग रहा है कि वे पूरी तैयारी से आये हैं और ऐसे में श्री सिंह पर शिकंजा कसना तय है | वे खुद होकर इस्तीफ़ा देते हुए जाँच के जरिये खुद को निर्दोष साबित करने का रास्ता चुनेंगे या हठधर्मिता दिखाते हुए टकराव के हालात पैदा करते हैं ये संभवतः एक दो दिन में सामने आ जायेगा | खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ से स्पष्टीकरण माँगा है जिसके जवाब पर उसका आगामी कदम निर्भर होगा | लेकिन भाजपा को भी इस प्रकरण में अपने स्तर पर सच्चाई का पता लगाने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि ब्रजभूषण शरण की छवि वैसे भी बहुत अच्छी नहीं मानी जाती | इसलिए बेहतर तो यही होगा कि उनको जाँच होने तक कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से अलग रखा जावे | यदि खेल मंत्रालय को लगता है कि अन्य पदाधिकारी भी उनका बचाव कर सकते हैं तब फिर कुश्ती संघ में ही प्रशासक बिठाया जावे |  इस विवाद का अंत क्या  होगा ये फिलहाल तो कहना कठिन है क्योंकि ऐसे प्रकरणों में कभी कभी स्थिति एकदम उलट हो जाती है | खुद ब्रजभूषण शरण की तरफ से ये कहा जा रहा है कि वे जाँच का सामना करेंगे  किन्तु इस्तीफ़ा नहीं देंगे | ऐसे में खेल मंत्रालय के निर्णय पर भी सबकी निगाहें लगी रहेंगी | लेकिन इस विवाद ने एक बार फिर खेल संघों पर राजनेताओं के कब्जे से पैदा हो रही समस्याओं के बारे में विमर्श की जरूरत उत्पन्न कर दी है | महिला खिलाडियों के यौन उत्पीडन जैसे आरोप के कारण इस क्षेत्र में आने वाली लड़कियों के मन में डर बैठ जाना स्वाभाविक है  और उनके अभिभावक भी अपनी बेटियों को खिलाड़ी बनने से रोकने लगेंगे | 

रवीन्द्र वाजपेयी 


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