Wednesday 4 January 2023

कोहरे के दौरान रेल और हवाई यातायात की दिक्कतें रोकने का पुख्ता प्रबंध हो



उत्तर भारत में कड़ाके की  सर्दी पड़ रही है | पहाड़ों से आ रही बर्फीली हवाएं  जनजीवन को प्रभावित कर रही हैं | राजस्थान में अनेक स्थानों पर पारा शून्य से भी नीचे आ चुका है | सुबह होने के बावजूद कोहरा छाये रहने से जहाँ लोग धूप से वंचित हो जाते हैं वहीं सड़क दुर्घटनाएं बढ़ जाती  हैं | लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित होता है रेल गाड़ियों और हवाई जहाजों का आवगमन | उत्तर भारत जाने और  आने वाली रेलों के  घन्टों विलम्ब से चलने का सिलसिला शुरू हो चुका है | विमानों को भी उड़ान भरने और उतरने में परेशानी होने से या तो उड़ानें रद्द हो रही हैं या फिर उनकी  समय सारिणी बुरी तरह गड़बड़ाने लगी है | ये पहली सर्दी नहीं है जिसमें इस तरह की समस्या उत्पन्न हुई हो | हर साल इस मौसम में रेल और हवाई यातायात पर कोहरे की मार पड़ती है | हालाँकि अमेरिका , कैनेडा और यूरोप के ज्यादातर देश सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण इस तरह की मुसीबत झेलते हैं | रूस सहित चीन का  बड़ा  भूभाग इन दिनों हिमाछाद्दित हो जाता है | लेकिन वहां इस मौसम के अनुरूप तमाम व्यवस्थाएं होने से प्रतिकूलता में भी अनुकूलता का प्रबंध कर लिया गया है | इसके ठीक विपरीत हमारे देश में विकास की गति तो बहुत तेज है जिसका परिणाम तेजी से विकसित हो रही विमान सेवाएं और द्रुत गति से दौड़ती वन्दे भारत रेल गाड़ियाँ हैं | बुलेट ट्रेन की महत्वाकाँक्षी योजना पर भी काम हो रहा है | देश में विश्वस्तरीय एक्सप्रेस राजमार्गों का निर्माण युद्धस्तर पर होने से एक तरफ जहां सडक मार्ग पर यातायात में उल्लेखनीय वृद्धि देखने मिल रही है वहीं प्रमुख मार्गों पर चलने  वाली रेल गाड़ियों में भी यात्रियों की भीड़ पूरे साल देखी जाती है | लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार का प्रमाण है कि वातानुकूलित श्रेणी में यात्रा करने वाले निरंतर बढ़ रहे हैं | ऐसा ही कुछ विमान सेवाओं के बारे में है | बीते कुछ सालों में देश के अनेक नगरों में नये हवाई अड्डे या तो बनाये गये हैं या पहले से मौजूद विमानतल का उन्नयन किया गया है | इसकी वजह से अब महानगरों से निकलकर विमान सेवा मझोले आकार के शहरों तक भी पहुँचने लगी है | हवाई यातयात पर निगाह रखने वाली संस्थाओं के अनुसार अब मध्यम वर्गीय परिवारों में भी हवाई जहाज में बैठने की लालसा पैदा हो गयी है | निजी विमानन कंपनियों के इस व्यवसाय में उतरने से भी विमान सुविधाएँ लगातर वृद्धि की ओर हैं | लेकिन इस सबके बावजूद सर्दियों के कुछ महीनों में जब कोहरे की वजह से सूर्यदेव छिपे रहते हैं तब रेल और हवाई यातायात में आने वाली दिक्कतों को दूर करने का कोई भी सार्थक प्रयास देखने नहीं मिल रहा | मसलन हर साल बजट में ये सुनने में मिलता है कि रेल गाड़ियों को कोहरे में भी समय से चलाने के लिए जरूरी उपकरणों की व्यवस्था की जा रही है | इसके लिए बजट में समुचित प्रावधान भी किये जाते हैं परन्तु समस्या जस की तस बनी रहती है | इसी प्रकार  हवाई अड्डों पर कोहरे के दौरान विमानों के सुरक्षित उड़ने और उतरने के लिये किये जा रहे इंतजाम भी हवा हवाई ही हैं | इसकी वजह से यात्रियों को तो परेशानी होती ही है लेकिन रेलवे  और विमान कंपनियों को भी  आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है | ऐसे में जब हमारा देश दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और जल्द ही हम जापान और जर्मनी से आगे निकलने की राह पर बढ़ रहे हैं तब इस तरह की तकनीकी कमियां हमारे विकास को आधा – अधूरा साबित करती हैं | प्रधानमंत्री ने आर्थिक क्षेत्र के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किये हैं उनको पूरा करने के लिए हमें इस तरह की सेवाओं को विश्वस्तरीय बनाने पर भी जोर देना होगा | कोहरे में रेल और हवाई जहाजों के निर्बाध सञ्चालन के लिये अत्याधुनिक तकनीक आधारित उपकरण खरीदना समय की मांग है | केंद्र सरकार को इस दिशा में गंभीरता से विचार कर जरूरी कदम उठाना चाहिए |


रवीन्द्र वाजपेयी 

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