Tuesday 13 December 2022

मोदी की हत्या की बात कहने वाले को कड़ा दंड मिले वरना ये प्रवृत्ति और बढ़ेगी



म.प्र में भारत यात्रा के दौरान एक सभा में राहुल गांधी ने कहा था कि वे नरेंद्र मोदी और आरएसएस से लड़ते हैं लेकिन उनके मन में इनके प्रति नफरत नहीं है | एक लोकतांत्रिक देश में किसी  राजनीतिक नेता द्वारा अपने विरोधी व्यक्ति अथवा संगठन के विरुद्ध इस तरह की बात कहना स्वाभाविक ही है | हालाँकि उसके बाद गुजरात में चुनाव प्रचार करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड्गे ने श्री मोदी को रावण कहकर श्री गांधी की भावना के विरुद्ध आचरण किया जिस पर भाजपा ने कांग्रेस को घेरा | चुनाव परिणाम से ये स्पष्ट हुआ कि कांग्रेस की शर्मनाक हार में श्री खड़गे का बयान भी सहायक साबित हुआ | अतीत में भी प्रधानमंत्री के विरुद्ध ऐसी ही टिप्पणियाँ होती रही हैं जिनका भाजपा ने जमकर लाभ  उठाया | देश की मौजूदा राजनीति जिस मुकाम पर आकर खड़ी है उसमें शालीनता और सौजन्यता तेजी से लुप्त हो रही हैं | वैचारिक विरोध  व्यक्तिगत वैमनस्यता में बदलने लगा  है | लेकिन हद तो तब हो गई जब गत दिवस म.प्र में कांग्रेस के वरिष्ट नेता और पूर्व मंत्री राजा पटेरिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या के लिए तैयार रहने जैसी बात पार्टी कार्यकर्ताओं से कह डाली | उन्होने ये भी कहा कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिये श्री मोदी को हराना जरूरी है | जब हत्या जैसी बात पर बवाल होने लगा तब जाकर उनको होश आया और फिर गांधी के अनुयायी होने का ढोंग रचते हुए उन्होंने स्पष्टीकरण दिया कि उनके बयान को गलत तरीके से प्रसारित किया गया है और हत्या से उनका आशय पराजित करना रहा | भाजपा ने बिना देर लगाए उक्त नेता के साथ ही कांग्रेस को भी घेरना शुरू कर दिया  | मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा खुद मोर्चे पर आ गये और श्री पटेरिया  के विरुद्ध थाने में प्रकरण भी दर्ज कर लिया गया | चूंकि उक्त बयान के वीडियो उपलब्ध हैं इसलिए वे ये कहने की चालाकी नहीं दिखा सके कि उन्होंने श्री मोदी की हत्या जैसी बात कही ही नहीं | उनके स्पष्टीकरण में भी किसी तरह का अफसोस नजर नहीं आया | भाजपा ने जब दबाव बढ़ाया तब कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता के.के.मिश्रा ने बजाय श्री पटेरिया की निंदा करने के ये कहकर पिंड छुडा लिया कि उस बयान से पार्टी का कोई संबंध नहीं है | पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं की टिप्पणियाँ भी अब तक नहीं सुनाई दीं  | प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस के अहिंसावादी होने का हवाला देते हुए श्री पटेरिया के बयान की निंदा तो की किन्तु इसके साथ ही ये भी जोड़ दिया कि यदि वीडियो में कही बात सही है तो | राहुल गांधी ने भी इसका संज्ञान नहीं लिया जबकि कुछ दिन पहले ही उन्होंने श्री मोदी से लड़ाई के बाद भी नफरत न होने  जैसी बात कही थी | होना तो ये चाहिए था कि कांग्रेस उक्त नेता को निलम्बित कर फिर उनसे सफाई मांगती | लेकिन उसने बयान से दूरी बनाने की बात कहकर अपना दामन बचाने का दांव चला  | वैसे तो   श्री पटेरिया लम्बे समय से प्रदेश की राजनीति में हाशिये पर पड़े हैं लेकिन पूर्व में वे सत्ता और संगठन दोनों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा चुके हैं | भले ही वे राजनीतिक तौर पर सड़क पर आ गये हों किन्तु उनको सड़क छाप नेता नहीं माना जा सकता | और इस आधार पर श्री मोदी की हत्या के लिए तैयार रहने जैसी बात को न ही जुबान का फिसलना कह सकते हैं और न ही उनके भाषाई ज्ञान में कमी को इसका कारण माना जा सकता है | इसीलिये उक्त बयान बहुत ही आपत्तिजनक और अपराध की श्रेणी में रखे जाने योग्य है | श्री मोदी तो खैर ,देश के प्रधानमंत्री हैं किन्तु किसी साधारण व्यक्ति की हत्या की बात कहना किसी भी ऐसे समाज में स्वीकार्य नहीं हो सकता जहां संविधान के अनुसार समूची व्यवस्था संचालित होती है | प्रधानमंत्री की हत्या की बात कहना तो क्या सोचना भी गंभीर अपराध है और इसलिए श्री पटेरिया को कानून के अनुसार   समुचित सजा मिलना जरूरी है  | यदि ऐसा नहीं होता तब राजनीतिक बिरादरी और आतंकवादियों में कोई फर्क नहीं बचेगा | ऐसा लगता है उक्त कांग्रेसी नेता सिर तन से जुदा वाली मनसिकता से प्रेरित हैं , अन्यथा लम्बे राजनीतिक अनुभव के बाद इस तरह की निम्नस्तरीय बात कहने का और दूसरा कारण नहीं हो सकता | गांधी के अनुयायी होने का दावा करने वाले श्री पटेरिया ने श्री मोदी के विरूद्ध अपनी भड़ास जिस भी वजह से निकाली हो किन्तु उनकी टिप्पणी बापू का भी अपमान है | होना तो ये चाहिए था कि भाजपा से पहले कांग्रेसजन अपना गुस्सा व्यक्त करते हुए उनको पार्टी से बाहर करने की मांग उठाते  किन्तु  अनेक नेता और समर्थक सोशल मीडिया पर उन्हें साहसी बता रहे हैं | इस मामले का अंत कहाँ और कैसे होगा ये फ़िलहाल तो कहना मुश्किल है लेकिन देश के प्रधानमंत्री की हत्या जैसी बात खुले आम कहने वाले व्यक्ति का अब तक पार्टी में बना रहना कांग्रेस के लिए भी शर्मनाक है | यदि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की बुद्धि और विवेक अब तक जीवित है तब उन्हें  श्री पटेरिया को निकाल बाहर करते हुए खुद आगे आकर माफी मांगना चाहिए | अन्यथा इस गंभीर अपराध की पुनरावृत्ति बढ़ सकती है | और उस दौर की कल्पना से भी पांव कांपने लगते हैं |   


रवीन्द्र वाजपेयी

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