Friday 2 July 2021

हिन्दू कार्ड चलकर अमरिंदर ने कई निशाने साधे



पंजाब कांग्रेस में चल रही खींचतान के बीच गत दिवस ये खबर तेजी से फैली कि मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिन्दर सिंह के  विरोध में बगावत का झंडा उठाये घूम रहे नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी दी जायेगी |  हालाँकि ये स्पष्ट नहीं हुआ कि उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया जावेगा या फिर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष | लेकिन राजनीति के चतुर खिलाड़ी अमरिंदर ने गत दिवस हिन्दू नेताओं को दोपहर भोज पर बुलाकर पार्टी अध्यक्ष का पद किसी हिन्दू नेता को दिए जाने की मांग उछलवा दी | भोज  में कुछ मंत्री और विधायकों के अलावा अन्य नेता भी शामिल हुए | दरअसल इस तरह  मुख्यमंत्री ने एक साथ कई निशाने साधे | कांग्रेस आलाकमान भी जानता है कि  सिद्धू को उपमुख्यमंत्री बनाना आसान  नहीं होगा क्योंकि  वरिष्ठ मंत्री इससे नाराज हो सकते हैं  | इसीलिये उसने प्रदेश अध्यक्ष बनाकर नवजोत को ठंडा करने का विकल्प  सोचा  | लेकिन अमरिंदर ने ऐसा होने के पहले ही हिन्दू कार्ड चल दिया  जो राजनीतिक तौर पर बेहद दूरदर्शिता पूर्ण है | इसकी दो वजहें हैं | सबसे पहली तो ये कि भाजपा और अकाली दल का दशकों से चला रहा गठबंधन टूटने  के बाद हिन्दू मतदाता पशोपेश में है | उसकी पहली पसंद यद्यपि आज भी भाजपा हे  लेकिन  बिना अकालियों के सहयोग के भाजपा का अकेले दम पर जीतना बहुत मुश्किल होगा और ऐसे में हिन्दू मतदाता नहीं  चाहेंगे कि उनका मत बेकार जावे | दूसरा कारण ये है कि हिन्दुओं के मत में सेंध लगाने का प्रयास आम आदमी पार्टी भी कर रही है लेकिन उसके पास  स्थानीय तौर पर ऐसा कोई चेहरा नहीं है जिसके नाम पर जनादेश मांगा जावे | जहां तक बात अरविन्द केजरीवाल की है तो जिस तरह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का जादू प्रदेश स्तर पर उतना कारगर नहीं हो पाता वही स्थिति अरविन्द के साथ है | इसी कारण आम आदमी पार्टी दिल्ली जैसा प्रदर्शन दूसरे राज्यों में नहीं दोहरा पाती | अमरिन्दर सिंह ने इस बात को भांप लिया है कि भाजपा और अकाली दल के झगड़े से हिन्दू मतदाता फिलहाल भ्रमित है | ऐसे में उन्होंने बहुत ही  सोची - समझी रणनीति के अंतर्गत हिन्दू प्रदेश अध्यक्ष की चर्चा छिड़वा  दी | राज्य  के मौजूदा हालात में भाजपा की सत्ता बनने की सम्भावना शून्य है | पार्टी पांच विधायक भी जिता ले तो बड़ी बात होगी | उसका परम्परागत मतदाता अकालियों के साथ जायेगा नहीं और श्री केजरीवाल की लाख कोशिशों के बावजूद पंजाब में आम आदमी पार्टी की सत्ता बनने की सम्भावना  कम ही है | ऐसे में अगर हिन्दू मतदाताओं को अपनी तरफ खींच सके तो कांग्रेस की डगमगाती नैया आसानी से पार हो जायेगी | अमरिंदर सिंह का ये  हिन्दू कार्ड पार्टी के आला कमान के गले की हड्डी बन सकता है क्योंकि  पंजाब में लगभग 15 सीटें ऐसी हैं जहाँ हिन्दू मतदाता  पलड़े को इधर से उधर झुकाने में सक्षम हैं | बाकी सीटों पर उनकी सीमित संख्या भी कांग्रेस को आम आदमी  पार्टी से होने वाले सम्भावित नुकसान से उबार सकती है | इस प्रकार कैप्टेन ने नवजोत की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी को रोकने के लिए जबरदस्त क्षेत्ररक्षण जमाया है | सिद्धू क्रिकेट के मैदान के बड़े  खिलाड़ी रहे हैं लेकिन अमरिंदर  भी राजनीति के खेल में लंबे समय से टिके हुए हैं | कांग्रेस आलाकमान ये जानता है कि कैप्टेन को ज्यादा घेरने पर वे झपट्टा मारकर बाहर निकल सकते हैं | किसान आन्दोलन को प्रायोजित  करने से  उनका अपना निजी  समर्थक वर्ग तैयार हो चुका है | ऐसे में हिन्दू मतदाताओं को लुभाकर वे  नए क्षेत्रीय छत्रप बनने की सोच रहे हों  तो गलत नहीं होगा | वैसे भी अकाली नेता  प्रकाश सिंह बादल के अस्वस्थ हो जाने के बाद पंजाब में अमरिंदर ही सबसे अनुभवी और सुपरिचित चेहरे हैं | रही बात नवजोत की तो उनकी छवि अभी भी गम्भीर राजनेता की बजाय कामेडी नाइट जैसे टीवी शो में बैठकर ठहाके लगाने वाले की ही है | हिन्दू प्रदेश अध्यक्ष बनाने में यदि मुख्यमंत्री सफल हो गये तो उसे  हिन्दुओं और सिखों के बीच चौड़ी हो रही खाई को पाटने का बड़ा प्रयास कहा जाएगा | जिसका विरोध करना भाजपा के लिए भी मुश्किल  होगा |

-रवीन्द्र वाजपेयी


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