Saturday 5 August 2017

छापे : सवाल उठना स्वाभाविक

कर्नाटक के जिस रईस मंत्री के फार्म हाऊस पर गुजरात के कांग्रेसी विधायकों को ठहराया गया है उसके 64 ठिकानों पर गत दिवस आयकर छापों ने कर्नाटक से लेकर संसद तक को हिलाकर रख दिया। कांग्रेस का ये आरोप सतही तौर पर पूरी तरह सही है कि केन्द्र सरकार ने उक्त मंत्री को डराने के लिये ये कदम उठाया। वहीं आयकर महकमे ने सफाई दी कि पूरी कार्रवाई सामान्य  प्रक्रिया के तहत की गई जिसका फैसला पहले ही लिया जा चुका था। यही नहीं तो फार्म हाऊस में मौजूद कांग्रेस के विधायकों से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से कोई संपर्क भी नहीं किया गया। इस सबसे हटकर देखा जाए तो छापे में मंत्री जी के विभिन्न ठिकानों से 10 करोड़ रुपये नगद पाया जाना आयकर छापे को सार्थक सिद्ध करने हेतु पर्याप्त है। जिस प्रकार की जानकारी मिली है उसके अनुसार कर्नाटक सरकार के ऊर्जा मंत्री डीके शिव कुमार का कारोबार काफी लंबा चौड़ा है जिसके तार सिंगापुर सहित अन्य देशों से भी जुड़े हैं। ये भी सर्वविदित है कि इतने व्यापक पैमाने पर किसी बड़े व्यक्ति पर आयकर छापा दो-चार दिन की तैयारी पर नहीं मारा जा सकता। हो सकता है विभाग मंत्री जी को घेरने की बाट जोह रहा हो और इसी दौरान वे भाजपा के लिये बड़े खलनायक बन गए। इन छापों के पीछे राजनीतिक हस्तक्षेप से पूरी तरह इंकार तो नहीं किया जा सकता लेकिन यदि शिवकुमार के यहां मिली 10 करोड़ नगदी का वे हिसाब नहीं दे सके तो उनके अन्य  निवेशों की तो छोड़ दें, यह मोटी रकम ही उनके गले में फंदा डालने के लिये पर्याप्त है क्योंकि आमतौर पर इतनी राशि किसी भी कारोबारी व्यक्ति या प्रतिष्ठान में नगद नहीं रखी जाती। मंत्री जी साधन संपन्न होने के साथ ही शक्ति संपन्न भी होंगे तभी तो कांग्रेस ने गुजरात के विधायकों की पहरेदारी के लिए उनके फार्म हाऊस को उपयुक्त और सुरक्षित समझा। यदि आयकर विभाग वाले 10 करोड़ नगदी के अलावा कुछ और ऐसा निकाल सके जो गैर कानूनी है या कर चोरी को प्रमाणित करता है तब कांग्रेस का आरोप हवा-हवाई होकर रह जायेगा अन्यथा इसे सत्ता का दुरुपयोग कहना गलत नहीं होगा। तेजस्वी यादव सहित लालू के अन्य परिजनों पर आयकर विभाग की घेराबंदी के बाद लगातार ये दूसरा प्रकरण है जिसमें आयकर विभाग के राजनीतिक उपयोग का आरोप लग रहा है। सत्यता का पता पूरी तरह से चल पाने में तो समय लगेगा परन्तु कुछ हद तक दोनों ही पक्ष अपनी-अपनी जगह सही लगते हैं।

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