Monday 28 August 2017

भगवानों का पर्दाफाश जरूरी

आज बाबा राम रहीम की सजा तय होगी। बीते शुकवार पंचकूला से उठा उपद्रव का ज्वार जिस तरह फैला उससे सतर्क हरियाणा सरकार ने रोहतक जेल में बाबा को रखते हुए ही अदालती कार्रवाई का फैसला ले लिया। हरियाणा-पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था भी बेहद कड़ी रखी गई है। बीते दो-तीन दिन में डेरा सच्चा सौदा के दर्जनों केन्द्रों को सील कर दिया गया। सिरसा स्थित मुख्यालय पर भी शासन-प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है। जैसा दिख रहा है उसके अनुसार राम-रहीम का साम्राज्य तो तहस-नहस हो ही गया है। उनके साथ जुड़े लोगों में शायद ही कोई ऐसा हो जो टूटे हुए टुकड़े को जोड़ सके। जो बातें निकलकर आ रही हैं उनसे ये कहा जा सकता है कि बाबा पर सरकार और उसका अमला बेहद मेहरबान रहा। राम रहीम की चमक-दमक भरी दुनिया के भीतर कितनी गंदगी थी  या तो पता नहीं किया गया या फिर जानकर भी उसे नजरंदाज किया गया जिसके लिये हरियाणा-पंजाब की राजनीतिक पार्टियां और उनके बड़े नेता पूरी तरह कसूरवार हैं। बहरहाल पहले रामपाल और अब राम रहीम के गिरफ्त में आने के बाद पंजाब-हरियाणा समेत पूरे देश में कार्यरत डेरों और आश्रमों की गहन जांच की जानी चाहिए। इनके संचालकों की गतिविधियों तथा आय के स्रोतों पर भी नजर रखना जरूरी हो गया है। होता यूं है कि धार्मिक मामलों की संवेदनशीलता देखते हुए प्रशासन भी अक्सर लचीला रूख अपनाता है जिससे प्रोत्साहित होकर राम रहीम जैसे लोग ताकतवर होते जाते हैं। भिंडरावाला कांड से सबक न लेने के कारण ही ये स्थिति देखनी पड़ रही है। बेहतर हो सियासत को ताक पर रखकर देशहित में धर्म की आड़ में पनप रहे नकली भगवानों की असलियत उजागर की जावे जिनके कारण धर्म भी बदनाम हो रहा है। राजनीतिक नेताओं को भी वोटों की लालच में ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए जो अपने आपको भगवान से भी बड़ा मानकर इतराते हैं।

- रवींद्र वाजपेयी

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