Monday 6 August 2018

एनआरसी पर कांग्रेस की पलटी स्वागत योग्य


आखिऱकार काँग्रेस को समझ आ गया कि एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर) मुद्दे पर विरोध करना गलत था। इसीलिए पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक में बांग्ला देशी घुसपैठियों पर अपने रुख में परिवर्तन करते हुए कह दिया गया कि वह भी उन्हें बाहर करने के पक्ष में है। और तो और वह असम में विदेशी नागरिकों की पहिचान के लिए प्रक्रिया को शुरू करने का श्रेय भी लूटने का प्रयास कर रही है। दरअसल असम के कांग्रेसी नेताओं द्वारा हाईकमान के रुख के विपरीत चले जाने के बाद कांग्रेस को एहसास हुआ कि बिना सोचे-समझे एनआरसी का विरोध करने से असम के अलावा भी पूरे देश में उसके प्रति नाराजगी बढ़ी है जिसका प्रत्यक्ष लाभ भाजपा ने उठा लिया। दरअसल इस मुद्दे पर काँग्रेस ममता बैनर्जी और वामपंथियों के जाल में फंसकर रह गई। असम और बंगाल के मुस्लिम मतदाताओं को खुश करने के चक्कर में उसने संसद और बाहर एनआरसी का जबरदस्त विरोध कर डाला । वहीं भाजपा ने बड़ी ही चतुराई से बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहिचान करते हुए उन्हें भगाने संबन्धी स्व.इंदिरा जी और स्व.राजीव गांधी के पुराने बयानों को पेश कर कांग्रेस को पिछले पॉवों पर धकेल दिया । बहरहाल अन्य विपक्षी दलों से अलग हटकर काँग्रेस ने जो पलटी मारी वह स्वागत योग्य है क्योंकि राष्ट्रीय महत्व के ऐसे विषयों पर उससे सदैव एक परिपक्व दृष्टिकोण की अपेक्षा देश करता है। उम्मीद की जानी चाहिए कि भविष्य में भी उसकी नीति केवल विरोध के लिए विरोध की न होकर देशहित में होगी। आखिरकार वह एक राष्ट्रीय पार्टी जो है।

-रवीन्द्र वाजपेयी

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