Monday 23 August 2021

सिद्धू का सलाहकार : बन्दर के हाथ उस्तरा साबित हो रहा


 
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोतसिंह सिद्धू के साथ विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे | मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खुले विरोध के बावजूद हाईकमान की कृपा से  पार्टी संगठन की बागडोर हाथ आते ही उन्होंने जो चार सलाहकार नियुक्त किये उनमें से एक मालविंदर सिंह माली ने अपने फेसबुक पेज पर पूर्व प्रधानमन्त्री स्व. इंदिरा गांधी का एक स्कैच पोस्ट किया है जिसमें उन्हें इंसानी खोपड़ियों पर खड़ा बताया गया है | उनके हाथ में जो बंदूक है  उसके सिरे पर भी एक खोपड़ी है | जन तक पैगाम नामक एक पंजाबी पत्रिका में वर्ष 1989 में उक्त स्कैच प्रकाशित हुआ था | उस समय श्री माली ही उसके संपादक थे जिसका आशय इंदिरा जी को सिखों के नरसंहार से जोड़ना था | इसके कुछ दिन पहले भी उन्होंने कश्मीर को  लेकर बेहद आपत्तिजनक बयान दिया था जिसमें जम्मू – कश्मीर को अलग देश बताते हुए कहा था कि भारत और पाकिस्तान ने चूँकि उस पर अवैध कब्जा कर रखा है , इसलिए उसे आजाद कर देना चाहिए | उल्लेखनीय है बीते 11 अगस्त को ही नवजोत ने उनको अपना सलाहकार नियुक्त किया था | भारी विरोध के बाद भी श्री माली ने फेसबुक पेज से इंदिरा जी का संदर्भित स्कैच हटाने के प्रति बेरुखी दिखाई है जिसका  न सिर्फ मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह वरन आनंदपुर साहिब सीट से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य मनीष तिवारी ने भी तगड़ा विरोध किया है | इस बारे में चौंकाने वाली बात ये है कि श्री सिद्धू की ओर से इस बारे में न तो कोई प्रतिक्रिया आई और न ही उन्होंने  श्री माली की छुट्टी करने का संकेत  दिया | विधानसभा चुनाव के कुछ महीनों पहले नवजोत और अमरिंदर में लम्बे समय से चला आ रहा  शीतयुद्ध जब गर्म युद्ध में बदलने लगा तब हाईकमान हरकत में आया और उसने मुख्यमंत्री के ऐतराज को दरकिनार करते हुए नवजोत को संगठन की कमान थमा दी | इससे अमरिंदर तो नाराज हैं ही परन्तु मनीष तिवारी और निवर्तमान प्रदेश  अध्यक्ष सुनील जाखड़ को भी सिद्धू की ताजपोशी जमी नहीं | हालाँकि श्री सिद्धू द्वारा  अध्यक्ष का  कार्यभार ग्रहण करते समय  मुख्यमंत्री ने उपस्थित होकर भाषण भी दिया था किन्तु उस दौरान  भी दोनों में  बातचीत नहीं हुई | तबसे लगातार उनके बीच किसी न किसी बात को लेकर आरोप – प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है | लेकिन अपने सलाहकार की करतूत ने उनके विरोधियों को श्री सिद्धू की पगड़ी उछालने का जोरदार अवसर दे दिया | कश्मीर पर भारत के अवैध कब्जे संबंधी बयान के अलावा इंदिरा जी को नरमुंडों के साथ खड़ा  दिखाने वाला स्कैच सोशल मीडिया पर प्रसारित करने जैसी हिमाकत  करने वाले व्यक्ति को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष यदि अपना सलाहकार बनाये  रखते हैं  तब तो ये मान लेने में कुछ भी गलत नहीं है कि ज्यादा जुबान चलाने के कारण उनका दिमाग चलना बंद हो गया है | उससे भी बड़ी गलती कांग्रेस हाईकमान विशेष रूप से गांधी परिवार की कही जायेगी जिसने राज्य के मुख्यमंत्री सहित अनेक वरिष्ठ नेताओं के विरोध को ठेंगा दिखाते हुए चुनावी वर्ष में श्री सिद्धू को पार्टी संगठन का मुखिया बना दिया जो अपनी ही प्रदेश सरकार के विरोध में सार्वजनिक बयानबाजी और आन्दोलन की  धमकी देने से बाज नहीं आये | अमरिंदर और उनके साथ ही राज्य इकाई के अनेक नेताओं ने तो नवजोत के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने तक की मांग कर डाली थी  किन्तु गांधी परिवार ने बजाय दण्डित करने के उन्हें पुरस्कृत कर दिया | कांग्रेस में चली आ रही परम्परा के अनुसार छोटी – छोटी नियुक्तियाँ भी गांधी परिवार की अनुमति और सहमति से ही की जाती रही हैं | ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि श्री सिद्धू ने अपने लिए जो चार सलाहकार नियुक्त किये क्या उनके लिए भी पार्टी के सर्वेसर्वा परिवार से पूछा गया या मनमर्जी से निर्णय लिया गया ? बहरहाल श्री माली ने जो हरकत की वह इंदिरा जी के अपमान के साथ ही राष्ट्रीय संप्रभुता का भी खुला विरोध है जो उनकी देशभक्ति पर संदेह पैदा करने के लिए पर्याप्त है | इस बारे में ये भी गौरतलब है कि श्री सिद्धू पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में उनके न्यौते पर न सिर्फ  गये बल्कि वहां के सेनाध्यक्ष जनरल बाजवा से गले भी मिले जिसके लिए देश में उनकी  जोरदार आलोचना हुई । उनके सलाहकार मालविंदर सिंह माली के देशविरोधी बयान और कांग्रेस  पार्टी की आराध्य नेता रहीं इंदिरा जी का आपत्तिजनक स्कैच प्रसारित किये जाने के बाद एक बार फिर श्री सिद्धू विवादों में घिर गये हैं | विपक्ष आलोचना करता उसके पहले कांग्रेस  पार्टी के भीतर ही उनकी  मुखालफत खुलकर सामने आने लगी है | अमरिंदर सिंह और मनीष तिवारी पहले भी उनके विरुद्ध बोलते और हाईकमान को पत्र लिखते रहे हैं | इस बार भी दोनों ने सीधा हमला  करने में देर नहीं की है | वैसे इस मसले पर पार्टी हाईकमान के सामने भी असमंजस की स्थिति है क्योंकि वह सिद्धू पर श्री माली को हटाने का दबाव डालती है तो उससे अमरिंदर खेमा मजबूत होगा और यदि वह ऐसा नहीं करती तब उसके लिए मुंह छिपाना मुश्किल हो जाएगा | ये देखते हुए कहना सही है कि पंजाब को लेकर गांधी परिवार जिस तरह लापरवाही दिखा रहा है , वह कांग्रेस को महंगी पड़ सकती है | नवजोत सिंह सिद्धू की बेलगाम जुबान के बाद उनके सलाहकार की देश  विरोधी दुस्साहसी हरकत बन्दर के हाथ उस्तरा थमाने वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है | इंदिरा जी का नरमुंडों पर खड़ा स्कैच भी यदि गांधी परिवार को क्रोधित नही कर पा रहा तब फिर कहने को बचता ही क्या है ?

- रवीन्द्र वाजपेयी


 

No comments:

Post a Comment