Saturday 28 August 2021

केरल की खबरों से पूरे देश को सतर्क हो जाना चाहिए



कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिकित्सा जगत  में वैसे तो मतभिन्नता रही किन्तु एक बिंदु पर सभी सहमत थे कि कोरोना का तीसरा हमला होगा जरूर । हालांकि उसकी तीव्रता और भयावहता के बारे में जरूर अनिश्चितता व्यक्त होती रही। उसके आने और चरम पर पहुँचने के प्रति भी चिकित्सक अलग - अलग अभिमत रखते रहे। आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने भी इस बारे में कुछ भविष्यवाणी कीं। आम जनता के मन में यद्यपि अदृश्य भय तो है लेकिन जैसा परिदृश्य  आम तौर पर दिखाई देता है  उससे तो लगता था जैसे वह मान बैठी है कि कोरोना का काम - तमाम हो चुका है। मास्क और शारीरिक दूरी जैसी सावधानियों की भी उपेक्षा साफ दिखने लगी । दूसरी लहर के कमजोर पड़ते जाने और टीकाकरण अभियान के गति पकड़ने से  भी कोरोना से डर के बावजूद भी लापरवाही बढ़ने लगी। ओणम और रक्षाबंधन जैसे त्यौहारों पर बाजारों में उमड़ी भीड़ से भी आशंकाओं के बादल उमड़ने लगे। शुरू - शुरू में ये भी कहा गया कि ये सब दवाई बेचने वाली कंपनियों का खेल है जो  कोरोना काल में लोगों का भयादोहन करते हुए जमकर कमाई कर चुकी थीं । लेकिन बीते कुछ  दिनों से कोरोना संक्रमण में जिस तेजी से वृद्धि हो रही है वह खतरे की घण्टी है। बीते दिन नए मरीजों का आंकड़ा 46 हजार पार कर गया जो अप्रत्याशित  होते हुए भी वास्तविकता है। सबसे चौंकाने वाली बात ये कि इनमें से दो - तिहाई  मामले अकेले केरल के हैं । कोरोना की पिछली दो लहरों में  महाराष्ट्र सबसे आगे रहा था। केरल में ओणम के समय दी गई छूट का दुष्परिणाम अब जाकर सामने आ रहा है । लेकिन इसके बाद ये आशंका प्रबल हो रही है कि  रक्षाबंधन के त्यौहार पर  बाजारों में जो बेतहाशा भीड़ दिखाई दी उसका  असर आने वाले दिनों में देखने मिलेगा। और यदि ऐसा हुआ तब दूसरी लहर के बाद अर्थव्यवस्था की जो गाड़ी पटरी पर आ रही थी वह फिर उतर सकती है। एक तरफ तो विभिन्न राज्य सरकारें शैक्षणिक संस्थान खोलने की तैयारी कर रही हैं वहीं दूसरी तरफ  कोरोना की तीसरी लहर  का प्रकोप दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। हालांकि विशेषज्ञ ये भी कह रहे  हैं कि देश में टीकाकरण जिस तेजी से होता जा रहा है उसे देखते हुए  तीसरी लहर का प्रकोप उतना घातक नहीं होगा जितना दूसरी का था।  ऑक्सीजन की मारामारी भी नहीं है और अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या भी पहले से काफी अधिक है । ये भी कहा जा रहा है कि मृत्युदर भी ज्यादा नहीं रहेगी क्योंकि तीसरी लहर में कोरोना  पूर्ववत गम्भीर नहीं रहेगा इसलिए अस्पताल में भर्ती हुए बिना भी मरीज घर पर ही इलाज करवाकर स्वस्थ हो जाएंगे । बावजूद इस सबके कोरोना को लेकर किसी भी प्रकार की अनदेखी महंगी पड़ सकती है क्योंकि जो आंकड़े आ रहे हैं उनमें मरने वालों की संख्या 500 के करीब है। ये देखते हुए इस बात की जरूरत है कि कोरोना से बचाव हेतु जो मूलभूत  सावधानियां बताई गईं उनका पालन गम्भीरता से किया जावे। केरल में जिस बड़े पैमाने पर कोरोना का संक्रमण देखने मिल रहा है वह ओणम के दौरान लोगों ने जिस लापरवाही का  प्रदर्शन किया , उसका परिणाम है । ये देखते हुए पूरे देश में कोरोना से बचाव के प्रति गम्भीरता बरती जानी चाहिए। आने वाले दिनों में त्यौहारों की श्रृंखला शुरू होने वाली है। इस दौरान बाजारों में भीड़ बढ़ेगी । इसलिए जरूरत इस बात की है कि कोरोना की तीसरी लहर के प्रति उतनी ही सावधानी रखी जाए जितनी पहले सुझाई गई थी। कोरोना की पहली और दूसरी लहर तक जो अनभिज्ञता थी वह अब नहीं रही । इसलिए अब अपेक्षा है कि लोग पूरी तरह सतर्क हो जाएं । केरल से आ रही खबरों से पूरे देश को सबक लेना चाहिये क्योंकि कोरोना संक्रामक रोग है और जरा सी लापरवाही से वह महामारी में बदल सकता है । इसके पहले कि पूरे देश में उसका फैलाव हो  सबको सावधान हो जाना चाहिए वरना  तीसरी लहर के लिए हम किसी और को दोषी नहीं ठहरा सकेंगे। यदि छोटी - छोटी सावधानियों का पालन किया जाता रहे तो तीसरी लहर से होने वाले नुकसान को कम से कम किया जा सकता है।

- रवीन्द्र वाजपेयी


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