Tuesday 28 September 2021

डिजिटल मिशन : पहले पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए



आयुष्मान भारत के बाद आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन  स्वस्थ भारत की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकती है | आधार कार्ड की तरह इसमें धारक का  स्वास्थ्य संबंधी सारा रिकॉर्ड दर्ज रहेगा | जब वह सरकारी या किसी अधिमान्य अस्पताल में इलाज हेतु  जायेगा तो उस कार्ड के माध्यम  से चिकित्सक उसकी पुरानी बीमारियों , जाँच रिपोर्ट , उपयोग की गईं दवाइयां तथा इलाज का विवरण आसानी से पता कर सकेगा | हालाँकि पुराना विवरण दर्ज नहीं होने पर भी भविष्य में किये जाने वाले इलाज की  जानकारी इस डिजिटल कार्ड में समाहित की जा सकेगी  | प्रधानमंत्री ने इसकी घोषणा करते हुए राशन  से प्रशासन तक सब कुछ डिजिटल होने की जो बात कही वह अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है | 21 वीं सदी के भारत में इस जैसी  वैश्विक स्तर की व्यवस्थाएं जन स्वास्थ्य के प्रति गम्भीरता का प्रमाण होने के साथ ही मरीजों को अनेक तरह की परेशानियों से बचाने के अलावा  चिकित्सक और अस्पताल दोनों के लिए मददगार बनेंगी  | मरीज की सहमति से उसका चिकित्सकीय रिकॉर्ड जांचने में समय के साथ ही हर बार अनावश्यक जांच में खर्च होने वाला पैसा भी  बचेगा | वैसे आजकल बड़े अस्पताल अपने मरीज का पुराना रिकॉर्ड सुरक्षित रखते हैं | एक बार इलाज करवा चुके मरीज के दोबारा आने पर अस्पताल उसके पिछले इलाज का ब्यौरा तत्काल पता कर लेते हैं  | प्रस्तावित आयुष्मान भारत डिजिटल कार्ड में हर व्यक्ति के स्वास्थ्य की विशद जानकारी विधिवत सहेजकर रखने से देश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और उन्नयन में भी काफी  सुविधा हो जायेगी | हालाँकि इस महत्वाकांक्षी योजना को अमल में लाने में लम्बा समय और संसाधन के साथ ही आम जनता को इसके लिए जागरूक और जिम्मेदार भी बनाना होगा | इस बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात ये होगी कि सरकार आम जनता को इस योजना की उपयोगिता और अहमियत के प्रति किस हद तक आश्वस्त कर सकेगी | आधार कार्ड बनाने के काम में आईं  परेशानियाँ इसका उदाहरण हैं | यदि उसकी अनिवार्यता शासकीय सुविधाओं तथा  दस्तावेजों में पहिचान पत्र के तौर पर न की जाती तो उसे बनवाने हेतु  जनता गम्भीर नहीं हुई होती | और फिर उसमें दर्ज किया जाने वाला विवरण भी बहुत ही सीमित था | जबकि आयुष्मान डिजिटल कार्ड में समाहित जानकारी काफी बड़ी होगी | इस दृष्टि से इस योजना को लागू करने के पहले सरकार को पर्याप्त तैयारी के साथ अपने अमले को समुचित प्रशिक्षण देना होगा | चूँकि इस कार्य को राज्यों के जरिये ही संपन्न करवाया जा सकेगा इसलिए सम्बन्धित विभाग को भी इस महत्वपूर्ण अभियान के संचालन हेतु सिद्धहस्त बनाना जरूरी है | यद्यपि केन्द्रीय स्तर पर करोड़ों  लोगों का चिकित्सकीय रिकॉर्ड रखना  बेहद कठिन कार्य है परन्तु  भारत में डिजिटल तकनीक जिस तेजी से उपयोग में आ रही उसे देखते हुए विश्वास करना गलत न होगा कि ये योजना भारत में स्वास्थ्य सेवाओं  को उन मानडंडों के अनुरूप ढालने में सफल होगी जिसकी आवश्यकता लंबे अरसे से महसूस की जा  रही थी ।

- रवीन्द्र वाजपेयी
 

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