Tuesday 26 October 2021

विधानसभा अध्यक्ष से प्रेरित होकर बाकी विधायक भी मतदाताओं के पास पहुंचें



ये कहने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए कि खबरें भी आजकल बाजार का हिस्सा बन चुकी हैं | सनसनी मचाने  वाली खबर के पाठक और दर्शक ज्यादा होने से समाचार माध्यम भी उन्हे परोसने में ज्यादा रूचि लेते हैं | इसे फिल्मी दुनिया के बॉक्स ऑफिस फार्मूले से जोड़कर भी देखा जा रहा है जिसके अनुसार किसी फिल्म की सफलता का आधार टिकिट बिक्री से आने वाली राशि होती है  | दूसरी तरफ ऐसी फ़िल्में भी होती हैं जो अच्छी पटकथा , उत्कृष्ट अभिनय और सामाजिक सरोकारों से जुड़े होने के बावजूद दर्शकों की भीड़ नहीं बटोर पातीं | लेकिन उन्हें समीक्षकों  की प्रशंसा प्राप्त जरूर होती है | जो अभिनेता पैसे और ग्लैमर के अलावा कला और सामाजिक दायित्व के प्रति गम्भीर होते हैं वे समीक्षकों की राय को बॉक्स ऑफिस की सफलता से ज्यादा  महत्व देते हैं |  इसी तरह पाठकों और दर्शकों का भी एक  वर्ग है जो सकारात्मक समाचारों को पसंद करता है | लेकिन आज के दौर में सब कुछ व्यवसायिक होने से खबरों की  गुणवत्ता को अपेक्षित महत्व नहीं मिल पाता |  ताजा उदाहरण है म.प्र विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम द्वारा अपने निर्वाचन क्षेत्र देवतालाब का सायकिल से किया जा रहा जनसंपर्क दौरा | श्री गौतम ने इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर उनको मिली वाहन सहित अन्य सरकारी  सुविधाओं का परित्याग कर दिया है | सायकिल चलाकर गाँव – गाँव घूमकर आम जनता से प्रत्यक्ष संवाद करते हुए  वे उनकी समस्याओं की जानकारी एकत्र कर रहे हैं | जहां रात हो जाती है उसी ग्राम में रूककर लोगों से बतियाते हुए अगले दिन आगे बढ़ जाते हैं | क्षेत्रीय जनता अपने प्रतिनिधि को इस तरह अपने बीच पाकर उत्साहित भी हैं  | श्री गौतम देवतालाब विधानसभा क्षेत्र को आदर्श बनाने का आश्वासन भी दे रहे हैं | बीते दो दिनों में उनकी यात्रा दर्जनों गाँवों से गुजर चुकी है | बतौर राजनेता उनका ये कदम बेशक राजनीतिक लाभ के लिए उठाया गया होगा | आज की स्वार्थपरक और सत्ताभिमुखी राजनीति में सरकारी वाहन , सुरक्षा और बाकी  तामझाम छोड़कर इस तरह सायकिल चलाते हुए जनता से रूबरू होना चुनाव के दौरान तो देखा जाता है लेकिन प्रदेश विधानसभा के चुनाव अभी दो साल दूर हैं | और फिर  विधानसभा अध्यक्ष के ओहदे से जुड़ा रुतबा और शक्तियां इतनी हैं कि वे बिना घूमे भी मंत्रियों  से कहकर अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास के काम करवा सकते हैं  | लेकिन श्री गौतम ने एक अभिनव प्रयोग करते हुए बाकी विधायकों को भी रास्ता दिखा दिया आम जनता से सीधे सम्पर्क करने का | कुछ लोग इसे दिखावा या प्रचार के लिए किया जा रहा प्रायोजित प्रयास भी कह सकते हैं लेकिन ऐसी कोशिशों का प्रचार तो जितना ज्यादा हो सके उतना अच्छा होगा | बेहतर  तो यही होता कि विधानसभा अध्यक्ष का यह  जनसंपर्क दौरा मुख्य समाचार बनता | देश में अनेक ऐसे जनप्रतिनिधि हैं जो सत्ता के ऊंचे आसन पर बैठ जाने के बाद भी अपने मतदाताओं से जीवंत सम्बन्ध बनाये रखते हैं | उस लिहाज से श्री गौतम ने अनोखा कुछ नहीं किया किन्तु म.प्र विधानसभा के  शेष सदस्यों के लिए तो ये एक संदेश है ही | ये बात बिलकुल सही है कि संचार और आवागमन के साधन विकसित होने के बावजूद जनप्रतिनिधियों  और मतदाताओं के बीच का सम्पर्क संतोषप्रद नहीं कहा जा सकता | चुनाव जीतने के बाद तो उनके इर्दगिर्द दलाल किस्म के लोग मंडराने लगते हैं जिनकी वजह से आम जन उन तक पहुँच नहीं पाते | पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से तो उनका मिलना - जुलना होता  रहता है किन्तु सही मायनों में जो आम जनता है उसे उनके पास जाकर अपना दुखड़ा रोने का अवसर आसानी से नहीं मिलने से उसे ये लगता है जैसे अभी भी राजतंत्र का दौर ही जारी हो | ऐसी स्थिति में श्री गौतम ने एक सराहनीय पहल करते हुए जनता से सीधे जुड़ने की जो कोशिश की है वह अनुकरणीय है | प्रदेश के  बाकी विधायक भी इससे प्रेरित होकर  मतदाताओं के बीच जाकर उनके हालचाल जानें तो वह  लोकतंत्र को सार्थकता प्रदान करेगा | प्रख्यात समाजवादी चिन्तक स्व. राममनोहर लोहिया जनसभाओं में आम जनता के लिए मेरे मुल्क के मालिको जैसा संबोधन  करते थे | लेकिन आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष तक आते - आते स्थिति पूरी तरह उलट चुकी है और मालिक कहलाने वाली जनता सेवक से भी बदतर होकर रह गई है | श्री गौतम द्वारा सायकिल से किये जा रहे इस जनसंपर्क दौरे से देवतालाब विधानसभा क्षेत्र में रामराज आने और विकास की गंगा बहने का भरोसा करना तो जल्दबाजी होगी लेकिन इसे ताजी हवा के झोंके जैसा मानकर ये अपेक्षा तो की ही जा सकती है कि अन्य जनप्रतिनिधि भी इससे प्रेरणा लेते हुए अपने मतदाताओं के पास पहुंचकर उन्हें लोकतंत्र के आदर्श रूप का एहसास करवाएंगे |  

- रवीन्द्र वाजपेयी

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