Wednesday 15 June 2022

अग्निपथ : बेरोजगारी दूर करने के साथ ही सेना को सक्षम बनाने में भी सहायक



 केंद्र सरकार ने अग्निपथ नामक नई योजना के जरिये भारतीय सेना के तीनों अंगों में चार वर्ष के लिए सेवा का जो ऐलान किया वह अपने ढंग का अनूठा निर्णय है | जैसा बताया गया है 21 वर्ष तक की आयु के युवक इसका लाभ ले सकेंगे | उन्हें सैन्य प्रशिक्षण देकर बाकायदा सैनिक के रूप में कार्य करने का अवसर मिलेगा | चार वर्ष के उपरान्त उनमें से 25 फीसदी को योग्यता और क्षमता के आधार पर स्थायी कर लिया जावेगा | जबकि बाकी को पूर्व सैनिक के तौर पर दूसरी नौकरी  करने का अधिकार रहेगा | सेवा निवृत्ति पर एकमुश्त राशि  भी दी जायेगी | प्रशिक्षण के दौरान  उनका जो कौशल विकास  होगा वह भविष्य में उनके लिए  सहायक साबित होगा | इन सैनिकों को अग्निवीर कहा जावेगा | इस योजना का उद्देश्य एक तो भारतीय सेना को सदैव युवाओं से परिपूर्ण बनाये रखना  है और दूसरा बेरोजगारी दूर करना | उल्लेखनीय है सेना में एक निश्चित अवधि के बाद सेवानिवृत्ति की  सुविधा होने से बड़ी संख्या में सैनिक और अधिकारी त्यागपत्र दे देते हैं | उन्हें पूरी  पेंशन और अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं | अग्निपथ योजना का सबसे बड़ा लाभ ये होगा कि सेना में कभी भी जवानों की कमी नहीं रहेगी | वहीं  नौजवान सैनिकों की बड़ी संख्या मारक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक साबित होगी | अमेरिका जैसे विकसित देश में पांच वर्ष की सैन्य सेवा अनिवार्य है | उसके पीछे की सोच यही है कि सेना में सैन्यबल की कभी भी कमी न हो | भारत की सेना विश्व की सबसे पेशेवर सेना मानी जाती है | चूंकि हमारी विशाल भौगोलिक सीमा चीन तथा पाकिस्तान जैसे शत्रु राष्ट्रों से घिरी  है इसलिए सैन्य बल की पर्याप्त संख्या आवश्यक है  | कुछ राज्यों और जातिगत समुदायों में तो सेना की सैन्य सेवा पुश्तैनी रूप से चली आ रही है | ऐसे में अग्निपथ नामक योजना से  रोजगार सृजन के काम  में निरंतरता बनी रहेगी | चूंकि प्रति चार वर्ष बाद भर्ती किये गए 75 फीसदी लोग निवृत्त हो जायेंगे इसलिये नए बेरोजगारों को अवसर मिलता रहेगा | जो नवयुवक लम्बे समय तक बतौर सैनिक काम  नहीं करना चाहते उनके लिये  ये सेवा बेरोजगारी से बचने का अच्छा अवसर है क्योंकि चार वर्ष बाद उन्हें किसी सरकारी अथवा निजी संस्थान की नौकरी प्राप्त करने में पूर्व सैनिक होने का लाभ भी मिल सकेगा | अनेक नौकरियों में तो पूर्व सैनिक का ही चयन किया जाता है | इसके अलावा प्रधानमन्त्री ने केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े तकरीबन 10 लाख पदों को भरने के निर्देश दिए हैं | जाहिर तौर पर ये कदम 2024 के लोकसभा चुनाव की  तैयारी की तरफ इशारा करते हैं किन्तु बेरोजगारी जिस तरह से बढ़ती जा रही है उसे देखते हुए इनका स्वागत किया जाना चाहिए | यद्यपि विपक्ष ने 2 करोड़ रोजगार देने के वायदे का हवाला  देकर सरकार पर तंज भी कसा है | लेकिन मनरेगा के साथ ही रोजगार प्रदाता कोई भी योजना युवाओं के हित में ही  कही जावेगी | वैसे आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा सरकारी नौकरी को रोजगार का एकमात्र जरिया मानने के विरुद्ध है | आजादी के बाद  सरकार द्वारा दी जाने वाली नौकरियों का अपना आकर्षण था | लम्बे समय तक सेवा करने के  अवसर के साथ ही सेवा निवृत्ति के उपरान्त पेंशन का लालच था | केन्द्रीय सेवाओं में तो जीवन भर सीजीएचएस के जरिये निःशुल्क चिकित्सा की सुविधा भी है | हालाँकि अब पुरानी पेंशन योजना तो नहीं है लेकिन आज भी सरकारी नौकरी की चाहत अधिकतर नौजवानों में देखी जा सकती है | इसका कारण उसमें नौकरी की सुरक्षा के साथ ही नए वेतनमानों का लाभ है जो निजी संस्थानों में अपेक्षाकृत नहीं मिलता | लेकिन उससे भी बड़ी बात ये है कि सरकारी नौकरी में ऊपरी कमाई का अतिरिक्त आकर्षण है | हालाँकि बीते कुछ सालों में स्व - रोजगार के प्रति नौजवान पीढ़ी  अग्रसर हुई है | सूचना तकनीक के क्षेत्र में तो निजी  क्षेत्र  ही सबसे बड़ा  रोजगार का स्रोत है |  लेकिन उसके अलावा अन्य क्षेत्र उतना रोजगार नहीं दे सके | ऐसे में तकनीकी और पेशेवर शिक्षा प्राप्त अनेक युवा अकेले या समूह बनाकर अपना उद्यम संचालित करते हुए बजाय  रोजगार मांगने के रोजगार प्रदाता बन गये हैं | स्टार्ट अप प्रकल्पों की संख्या में वृद्धि इसका प्रमाण है | कोरोना काल और उसके बाद स्व -रोजगार का चलन जिस  तरह बढ़ा  वह अच्छा संकेत है किन्तु दूसरी तरफ ये भी सही है कि सरकारी नौकरियों के बिना  बेरोजगारी  दूर नहीं हो सकती | हालाँकि वेतन के बढ़ते हुए बोझ से से बचने के लिए सरकार उनमें कमी करते हुए संविदा का सहारा ले रही है | बहुत सी सेवाएँ तो उसने निजी क्षेत्रों को ही सौंप दी हैं जिसके   नुकसान और फायदे दोनों देखने मिल रहे हैं | लेकिन ये बात पूरी तरह सही है कि रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भले ही निजी क्षेत्र की सेवाएँ ली जाएँ किन्तु जहाँ तक बात  सैन्य बल की है तो उसका निजीकरण नहीं हो सकता | सीमा पर लगातार तनाव बने रहने के कारण हमें अपनी सेना को सतर्क , सक्रिय और सक्षम बनाये रखना बहुत जरूरी है और उस दृष्टि से अग्निपथ एक महत्वपूर्ण कदम है | केंद्र सरकार के अन्य विभागों में जो रिक्त पद हैं उनके लिए भर्ती शुरू करने का ऐलान भी अच्छा संकेत है | नई पीढ़ी के आने से शासकीय कार्यप्रणाली में नयापन आयेगा जो समय की मांग है | रोजगार हमारे देश में चुनावी मुद्दा बनता रहा है | बिहार विधानसभा के पिछले चुनाव में तो राजद नेता तेजस्वी यादव ने इसी के बलबूते युवाओं का जबरदस्त  समर्थन बटोरा | लेकिन सरकारी नौकरियों के अलावा कौशल विकास पर जोर दिया जाना भी जरूरी है जिससे नौजवांन  अपने पैरों पर खडा होने का आत्मविश्वास अर्जित कर सकें  | अग्निपथ के जरिये केंद्र सरकार ने एक अवसर पेश किया है उन नौजवानों के लिए जो बिना कुछ किये निठल्ले घूमा करते हैं | यदि वे इस अवसर का लाभ नहीं उठाते  तब ये कहना गलत न होगा कि उनकी बेरोजगारी की असली वजह कामचोरी है |

-रवीन्द्र वाजपेयी



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