Monday 23 July 2018

जुबान पर लगाम बेहद आवश्यक


नवगठित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने नेताओं को जुबान पर लगाम लगाने की जो हिदायत दी वह बुद्धिमत्तापूर्ण है। सूत्रों के अनुसार श्री गांधी सांसद शशि थरूर की हिन्दू पाकिस्तान और हिन्दू तालिबान जैसी टिप्पणियों से काफी नाराज हैं। अतीत में मणिशंकर अय्यर द्वारा दिये गए इसी तरह के बयानों से कांग्रेस को हुए नुकसान को देखते हुए वे पार्टी पर लगे हिन्दू विरोधी धब्बे को हटाने प्रयासरत हैं। इसकी शुरुवात गुजरात के विधानसभा चुनाव से हो चुकी थी जिसे कर्नाटक में भी जारी रखा गया। यद्यपि हाल ही में मुस्लिम नेताओं के साथ मुलाकात में उनके द्वारा कांग्रेस को मुस्लिमों की पार्टी कहे जाने पर काफी बवाल भी मचा किन्तु लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए राहुल ने शिव जी और हिन्दू जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए काँग्रेस के प्रति हिंदुओं के मन में बैठी दुर्भावना दूर करने का प्रयास किया। इसमें वे कितने सफल हुए ये फिलहाल नहीं कहा जा सकता लेकिन पार्टीजनों को विवादास्पद बयान देने से रोकने का उनका निर्देश सामयिक एवं आवश्यक है। उल्लेखनीय है हिंदुओं की भावनाएं आहत करने वाले बयानों के लिए कुख्यात दिग्विजय सिंह को काँग्रेस कार्यसमिति से बाहर किये जाने के पीछे भी उनके कतिपय बयान ही मुख्य कारण माने जा रहे हैं। जिनमें ओसामा जी और हिन्दू आतंकवाद काफी चर्चित रहे। मणिशंकर गुजरात चुनाव के बाद शांत से हैं किन्तु उनके बाद आजकल शशि थरूर की जुबान से निकल रहे बयान काँग्रेस के लिए गड्ढा खोदने वाले साबित हो सकते हैं। इसीलिए राहुल ने कड़े कदम उठाने की धमकी दे डाली। उनके इस रवैये का स्वागत होना चाहिए क्योंकि राजनीतिक बयानबाजी का स्तर दिन ब दिन जिस तरह से गिरता जा रहा है उसे नहीं रोका गया तो लोकतन्त्र के मायने ही बदल जाएंगे और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक बोझ लगने लगेगी। राजनीतिक जीवन में नीतिगत मतभेदों के बाद भी सौजन्यता और सामंजस्य का महत्व रहता है। बेहतर हो अन्य पार्टियां भी बयानों के नाम पर की जाने वाली बकवास पर समय रहते रोक लगाएं क्योंकि इससे केवल किसी नेता या पार्टी की ही नहीं वरन पूरे देश की छवि खराब होती है।

-रवीन्द्र वाजपेयी

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