Tuesday 12 December 2017

अय्यर की दावत :अपराध न सही लेकिन औचित्य भी नहीं

कांग्रेस एक बार फिर उसी जाल में फंस गई। मणिशंकर अय्यर के निवास पर पाकिस्तानी उच्चायुक्त सहित अन्य राजनयिकों के साथ कांग्रेस के तमाम नेताओं की बैठक का जो आरोप नरेंद्र मोदी ने परसों गुजरात की चुनावी सभा में लगाया उसको कांग्रेस प्रवक्ता ने झूठ बताते हुए प्रधानमंत्री पर माफी मांगने के लिए जबरदस्त दबाव बना दिया। पार्टी प्रवक्ता आनन्द शर्मा ने जिस आत्मविश्वास के साथ श्री मोदी के आरोप का खंडन किया उससे हर किसी को लगा था कि प्रधानमंत्री ने चुनावी फायदे के लिए वाकई निराधार आरोप लगा दिया। लेकिन संदर्भित बैठक में शामिल पूर्व सेनाध्यक्ष दीपक कपूर ने प्रधानमंत्री के आरोप को आंशिक रूप से सत्य बताते हुए उजागर कर दिया कि श्री अय्यर के निवास पर पाक उच्चायुक्त और पूर्व विदेश मंत्री के साथ रात्रि भोज पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह सहित कई कांग्रेस नेता और अन्य हस्तियां एकत्र तो हुईं थीं किन्तु उस अवसर पर चर्चा का विषय भारत-पाक सम्बन्ध ही रहा न कि गुजरात चुनाव, जैसा श्री मोदी ने कहा था। श्री कपूर के खुलासे के बाद कांग्रेस के लिए न थूक सकते और न ही निगल सकते वाली स्थिति बन गई। श्री मोदी के आरोप को तो उसने राजनीतिक मानकर झुठला दिया और ऊपर से उन पर माफी का दबाव तक बना दिया। आनन्द शर्मा ने जिस तरह से उस बैठक की बात को सिरे से नकारा उससे पहली नजर में तो कांग्रेस की बात पर लोगों को भरोसा हो गया लेकिन जब उस अवसर पर मौजूद पूर्व सेनाध्यक्ष ने स्थिति स्पष्ट कर दी तब पार्टी के पास सत्य को स्वीकारने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं बचा और तब जो प्रवक्ता एक दिन पहले श्री मोदी को प्रधानमंत्री पद की गरिमा के पालन का उपदेश दे रहे थे वे ही कहने लगे कि हाँ, पाकिस्तानी उच्चायुक्त और पूर्व विदेश मंत्री के साथ बैठक हुई लेकिन वह महज डिनर का आयोजन था जिसमें दोनों देशों के बीच सम्बन्धों पर ही बात हुई। चूंकि श्री शर्मा पहले बैठक की बात को झूठ का पुलिंदा बता चुके थे इसलिए मुंह छुपाने के लिए उन्होंने ये सवाल उछाल दिया कि क्या खाना खाने के लिए भी सरकारी अनुमति लेनी पड़ेगी? डॉ मनमोहन सिंह भी उसके बाद बेहद गुस्से से भरा बयान लेकर सामने आए और अपनी देशभक्ति का राग अलापने लगे। प्रधानमंत्री से माफी की रट लगाने वाली कांग्रेस खुद दलदल में धँसती नजऱ आने लगी। पाकिस्तान के राजनयिकों के साथ बतियाना और खाना-पीना कोई अपराध नहीं है लेकिन जो बात कांग्रेस प्रवक्ता ने कल कही वही यदि वे परसों उजागर कर देते तब पार्टी पर यू टर्न जैसी तोहमत नहीं लगी होती। हामिद अंसारी और डॉ मनमोहन सिंह पर किसी को शक नहीं होना चाहिए लेकिन प्रधाननमंत्री के आरोप के बाद सत्य को छुपाने की अनावश्यक कोशिश कांग्रेस के गले की फांस बन गई। श्री अय्यर के घर पर हुई बात किस विषय पर केंद्रित रही इसका विवरण तो वहां उपस्थित लोग ही दे सकते हैं लेकिन उक्त आयोजन के  औचित्य और आवश्यकता पर सवाल उठना किसी भी दृष्टि से गलत इसलिए नहीं कहा जा सकता क्योंकि पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते कैसे हैं ये कांग्रेस के छोटे बड़े सभी नेता भलीभाँति जानते हैं। गुजरात चुनाव के दौरान हुई उक्त बैठक को राजनीतिक तौर पर भुनाने की भाजपा की कोशिश ठीक उसी तरह गलत नहीं है जिस तरह कांग्रेस द्वारा काबुल से अचानक लाहौर पहुंचकर नवाज शरीफ  के घर विवाह समारोह में शामिल होने के श्री मोदी के कदम पर सवाल उठाना गलत नहीं था। प्रधानमंत्री पद की गरिमा को लेकर होने वाली बहस अपनी जगह है लेकिन कांग्रेस ने श्री अय्यर के घर के आयोजन की खबर को पहले गलत बताकर अपने इर्द-गिर्द संदेह के घेरे को और गहरा कर दिया। ऐसा लगता है पार्टी का आंतरिक प्रबंधन पूरी तरह अव्यवस्थित है। आनन्द शर्मा सहित अन्य नेता गांधी परिवार को खुश करने के लिए बढ़ चढ़कर बहुत सारी ऐसी बातें कह जाते हैं जिसकी वजह से पूरी पार्टी को शर्मसार होना पड़ता है। श्री अय्यर द्वारा प्रधानमंत्री के प्रति व्यक्त किये गए अपशब्दों को अनेक कांग्रेसजन ये कहकर उचित ठहराते सुने जा सकते हैं कि उन्होंने जो कुछ कहा वह ठीक था। पाकिस्तानी राजनयिकों के साथ भोज करने की बात से पहले इंकार करना और असलियत सामने आने पर हेकड़ी दिखाने जैसे कदमों से ही कांग्रेस वर्तमान दुरावस्था तक पहुँच गई है। गुजरात चुनाव का परिणाम चाहे जो हो लेकिन राहुल गांधी अध्यक्ष बनने के बाद इस तरफ ध्यान देना चाहिए वरना दरबारी संस्कृति के आदी उनके सहयोगी इसी तरह पार्टी को नीचा देखने के लिए मजबूर करते रहेंगे।

-रवीन्द्र वाजपेयी

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