Thursday 21 December 2017

जिग्नेश : पूत के पांव पालने में दिख गए


गुजरात के जिन तीन लड़कों को विधानसभा चुनाव में काफी प्रसिद्धि मिली उनमें दलित चेहरा कहे जा रहे जिग्नेश मेवानी भी हैं जो कांग्रेस के समर्थन से विधायक चुन लिए गए। चुनाव प्रचार के दौरान तीखी बयानबाजी के चलते काफी अनर्गल प्रलाप दोनों तरफ  से हुआ लेकिन विगत दिवस एक टीवी चैनल पर हार्दिक पटैल और अल्पेश ठाकोर की मौजूदगी में जिग्नेश ने प्रधानमंत्री को हिमालय जाकर हड्डियां गलाने जैसा सुझाव देकर चुनावी कड़वाहट को ताजा कर दिया। जिग्नेश के मुताबिक तो नरेंद्र मोदी का मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है। उन्होंने और भी कुछ हल्के स्तर की टिप्पणियां श्री मोदी के लिए कीं जिन पर एंकर अंजना ओम कश्यप ने ऐतराज भी किया किन्तु चर्चा के दौरान और उसके बाद जिग्नेश ने खेद जताना तो दूर, यहां तक कह दिया कि राहुल गांधी कहें तब भी वे माफी नहीं मांगेंगे। जिग्नेश सुशिक्षित युवा हैं एवं सामाजिक कार्यकर्ता के साथ गुजरात में आम आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता भी रह चुके हैं। ऊना में दलितों की पिटाई के उपरांत हुए आंदोलन से वे चर्चा में आये और फिर कांग्रेस का समर्थन हासिल कर विधायक भी बन गए। लेकिन लगता है उनमें न शालीनता है न ही संस्कार। हालांकि वरिष्ठ पत्रकार और भाजपा के स्थापित विरोधी ओम थानवी ने मुहावरों के कोष में ढूंढकर हड्डियाँ गलाने का आशय किसी कार्य में प्रयासों की पराकाष्ठा बताते हुए जिग्नेश का बचाव किया किन्तु आम तौर पर लोगों ने उस टिप्पणी को बेहूदा, ओछी और निम्नस्तरीय ही माना। राहुल गांधी के कहने पर भी माफी न मांगने जैसे बयान के जरिये जिग्नेश ने कांग्रेस को ये संदेश भेज दिया कि वह उन्हें बंधुआ न समझे। कुल मिलाकर उसने अपने मानसिक स्तर का तो परिचय दिया ही किन्तु काँग्रेस को भी एक शोचनीय मुद्दा दे दिया जो चुनाव जीतने की लालसा में किसी को भी साथ बिठा लेती है। जिग्नेश से गुजरात के जिन लोगों ने आसमानी उम्मीदें लगा रखी थीं उन्हें पूत के पाँव पालने में नजऱ आ ही गए होंगे। हो सकता है जिग्नेश अपने बूढ़े बाप को भी हिमालय जाकर हड्डियां गलाने जैसी सलाह देता हो ।

-रवीन्द्र वाजपेयी

No comments:

Post a Comment