Saturday 4 July 2020

सावधान, अभी तक टीका नहीं आया उसकी खबर भर आई है



गत दिवस कोरोना के नए मामलों का सबसे बड़ा आंकड़ा सामने आया। 24 घंटे में 23 हजार नए संक्रमण आने के बाद ये साफ़ हो गया कि अब महज चार दिन में एक लाख मरीज बढ़ने की स्थिति आ गयी है। जो निरंतर और नजदीकी होते- होते उस बिंदु पर जा पहुंचेगी जिसे चरमोत्कर्ष कहा जा रहा है। दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने तो पहले ही जुलाई में कोरोना के सर्वोच्च स्तर को छूने की चेतावनी दी थी। हालाँकि उसी के साथ उन्होंने ये उम्मीद भी जताई थी कि जुलाई के अंत और अगस्त के शुरू होते ही संक्रमण कम होने लगेगा। इस आशावाद का आधार जरूर उन्होंने जाहिर नहीं किया। और भी स्रोतों से ये कहा जा रहा है कि कोरोना का प्रकोप कुछ समय बाद बढ़ना रुक जाएगा। लेकिन पूरी तरह से उससे मुक्ति मिलते तक 2020 खत्म हो जाये तो आश्चर्य नहीं होगा। उल्लेखनीय है मार्च में लॉक डाउन लगते समय ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन बांटने की योजना का एलान कर दिया था। उसी समय कुछ जानकारों ने ये भविष्यवाणी कर दी थी कि कोरोना जून तक खिंचेगा और इसीलिए सरकार ने जनअसंतोष फैलने से रोकने के लिए गरीबों के पेट भरने की व्यवस्था कर दी। बीते 30 जून को प्रधानमंत्री ने एक बार फिर गरीबों को मुफ्त अनाज देने की योजना को नवम्बर तक बढ़ा दिया। वैसे इसे बिहार विधानसभा चुनाव की दृष्टि से भी देखा जा रहा है लेकिन मुख्य बात ये है कि कोरोना संक्रमण के अंतिम चरण में पहुंचने तक दिसम्बर आ ही जाएगा। अब सवाल ये भी उठता है कि चिकित्सक और सरकार दोनों किस आधार पर सोचते हैं कि साल खत्म होते तक कोरोना की बिदाई हो जायेगी ? और इसका सीधा-सरल जवाब ये है कि पूरी दुनिया में वैज्ञानिक इन दिनों कोरोना का टीका (वैक्सीन) बनाने की दिशा में काफी आगे बढ़ चुके हैं। गत दिवस भारत सरकार द्वारा ये संकेत दे दिया गया कि हमारा देश भी कोरोना का टीका विकसित करने के नजदीक आ चुका है । उसका मानव पर परीक्षण करने के अनुमति भी दे दी गयी है। और यदि कोई विशेष बाधा नहीं आई तब आगामी 15 अगस्त को उसकी विधिवत घोषणा भी कर दी जायेगी। ये बात भी सुनने आ रही है कि दुनिया की अनेक दवा कंपनियों द्वारा भी कोरोना का टीका बनाने का काम भारत की कंपनियों को मिला है। इस प्रकार देश का फार्मा सेक्टर पूरे विश्व को कोरोना  वैक्सीन की आपूर्ति कर सकेगा। भरात सरकार द्वारा गरीबों के लिये मुफ्त अनाज की योजना को नवम्बर तक बढ़ाए जाने की बड़ी वजह भी कोरोना का टीका ईजाद होना ही लगता है। लेकिन सवाल ये हैं कि क्या उसकी खुशी में हम अभी से लापरवाह हो जाएँ। देश के चार-पांच महानगर कोरोना के सबसे बड़े हॉट स्पॉट बने हुए हैं। ये कहना पूरी तरह सही है कि यदि मुम्बई, दिल्ली, चेन्नई, पुणे, अहमदाबाद, इन्दौर अदि में कोरोना का फैलाव इस हद तक न हुआ होता तो भारत अब तक उस पर नियन्त्रण स्थापित कर चुका होता। बहरहाल अब जबकि देश में कोरोना को रोकने का टीका बनकर तैयार होने की स्थिति में आ गया है तब भी उसे बाजार में आने और करोड़ों लोगों को लगाये जाने में महीनों लग जायेंगे। इसीलिये टीका आने से लेकर टीकाकरण अभियान पूरा होने तक किसी भी तरह की लापरवाही न सिर्फ अपनी अपितु अपने परिवार और सम्पर्क में आने वाले दूसरे व्यक्तियों के लिए भी जानलेवा हो सकती है। जिस तेजी से अभी कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है उसे देखते हुए ज्यादा सावधानी अपेक्षित है क्योंकि लॉक डाउन हटते ही जिस तरह की भीड़ हर जगह नजर आने लगी है उसकी वजह से संक्रमण नई जगहों पर पहुंचने लगा है। हॉट स्पॉट से बाहर के क्षेत्र में भी इक्का-दुक्का कोरोना मरीज मिलने से खतरा और बढ़ गया है। बाहर आना-जाना शुरू होने से भी एक शहर से दूसरे में उसका फैलाव देखने मिल रहा है। ये देखते हुए बेहतर होगा कि टीके की खोज की खुशी में बेपरवाह होने से बचा जाए। कोरोना के आने के बाद से मास्क, सैनिटाईजर और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर आम जनता में जिस तरह की जागरूकता और दायित्व बोध जाग्रत हुआ था वह तेजी से घटता दिख रहा है। यहाँ तक कि जिन महानगरों में कोरोना का प्रकोप भयावह स्थिति तक जा पहुंचा है वहां भी आम जनता जिस तरह से बेफिक्र हो चली है वह टीके के आने के पहले ही खतरे को बेकाबू कर दे तो आश्चर्य नहीं होगा। इसलिए ये बात तेजी से प्रचारित करने की जरूरत है कि अभी कोरोना का टीका बनने की खबर मात्र आई है लेकिन टीका आने में अभी देर है और जब तक देश के सभी लोगों को कोरोना का टीका न लग जाए तब तक किसी भी तरह की खुशफहमी दु:ख का कारण बन सकती है।

-रवीन्द्र वाजपेयी

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